उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में फूल्प्रुर-पवई से समाजवादी पार्टी विधायक रमाकांत यादव को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने एक साल की सज़ा और 2700 रुपये का जुर्माना लगाया है. 2016 के मामले में सुनवाई करते हुए जज अनुपम त्रिपाठी ने रमाकांत यादव को दोषी माना. उन पर सरकारी कार्य में बढ़ा और जाम लगाने व हंगामा करने का आरोप था.

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इस मामले में चार अन्य आरोपी सुबूतों के अभाव में छोड़ दिए गए. सपा ने इसे एक तरफा राजनीतिक साजिश बताया और ऊपर के कोर्ट में अपील करने की बात कही. उधर बीजेपी ने इसे कानून का राज होने की बात कही है.

क्या था पूरा मामला ?

बता दें कि पूरा मामला 2016 का आजमगढ़ की अम्बारी पुलिस चौकी है. यहां पुलिस ने ब्लॉक प्रमुख चुनावों के दौरान नगदी के साथ जय प्रकाश यादव नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. रमाकांत यादव अपने दो सौ से अधिक समर्थकों के साथ चौकी पर पहुंच गए थे और जमकर हंगामा किया था. उन्होंने अपने समर्थक को छुडाने के लिए जाम भी लगा दिया था.

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पुलिस ने रमाकांत यादव के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा, धमकाने, हंगामा और जाम लगाने समेत IPC की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. जिस पर लंबी सुनवाई चली आ रही थी और कोर्ट ने अब आकर फैसला सुनाया है.

कौन हैं रमाकांत यादव ?

रमाकांत यादव को पूर्वांचल का बाहुबली कहा जाता है और वे 1985 से राजनीति में सक्रिय हैं. 4 बार आजमगढ़ से सांसद रह चुके हैं. वर्तमान में फूलपुर-पवई से विधायक हैं. रमाकांत पर 50 से अधिक मामले दर्ज हैं. 2023 के जहरीली शराब काण्ड के आरोप में सेंट्रल जेल फतेहगढ़ में बंद हैं. इन्हें मुलायम परिवार का ख़ास माना जाता है.

इस  फैसले से उनके समर्थक और सपा को खासा निराशा हाथ लगी है. सपा नेताओं ने हाईकोर्ट में अपील की बात कही है. उनके मुताबिक रमाकांत को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है.