Azamgarh News: आजमगढ़ जिले के तरवा थाने में हुई दलित युवक की कस्टोडियल डेथ मामला गरमाता जा रहा है. आज उमरी गांव पहुंचे बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि परिवार को पुलिस कार्रवाई पर भरोसा नहीं है, इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए. पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए. उन्होंने कहा कि थाने में मौत का यह पहला मामला नहीं है.

उन्होंने कहा कि, अभी हाल में अलीगढ़ आगरा और कासगंज में भी थानों में मौत के मामले सामने आए हैं. एससी एसटी और पिछड़ों के साथ अन्याय हो रहा है. आजमगढ़ की इस घटना के बारे में जैसे ही बहन जी को जानकारी हुई उन्होंने मुझे निर्देश दिया कि मैं तत्काल आजमगढ़ पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात करूं और पूरी सच्चाई की जानकारी हासिल करूं. परिवार को पुलिस पर भरोसा नहीं है, पुलिस कस्टडी में ही दलित युवक की मौत हुई है इसलिए इस मामले की जांच पुलिस निष्पक्षता से नहीं कर सकती मामले की जांच सीबीआई से कराया जाना आवश्यक है जिससे पीड़ित परिवार के साथ न्याय हो सके.

मृतक के मामा ने की न्याय की मांगवही इस घटना पर सनी के मामा का कहना है कि सनी के ऊपर जो आरोप लगे हैं. उससे उसकी आत्मा तड़प रही होगी. हम चाहते हैं कि उक्त मामले में उसे न्याय मिले. ताकि उसकी आत्मा को शांति मिले. सनी के घर में तीन दिन से चूल्हा नहीं जला है. सनी की मां की हालत खराब है उसका घर पर इलाज चल रहा है. पिता मोबाइल पर सनी की तस्वीर को देखकर आंसू बहा रहे हैं. सबसे खराब हालत तो सनी के मामा चंदन कुमार की है. उन्होंने सनी की मौत के बाद से अन्न जल छोड़ रखा है. उनका कहना है कि सनी से उनका काफी लगाव था. 

जब सनी के पास थाने से फोन आया तो उसने सबसे पहले उन्हें ही फोन किया था. जब पुलिस ने उसे थाने में बिठा लिया तो वह थाने गए थे. उन्होंने पुलिस से बात की तो पुलिस ने उसके चालान की बात कही. इसके अगले ही दिन उसकी मौत हो जाती है और पुलिस बिना सूचना दिए ही उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज देती है. उसके मरने बाद उसके ऊपर जिस तरह के आरोप लग रहे हैं उससे उसकी आत्मा तड़प रही होगी. जब तक उसे न्याय नहीं मिल जाता उसकी आत्मा तड़पती रहेगी. 

मृतक के पिता ने की सीबीआई जांच  की मांगसनी के पिता हरिकांत राम मोबाइल में उसकी तस्वीर देखते हुए काफी भावुक नजर आए. उन्होंने पुलिस की थ्योरी पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि पायजामा का नाड़ा कितना मजबूत था कि वह 70 से 80 किग्रा वजन संभाल लिया. जो संदेह खड़ा करता है. उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे बेटे ने आत्महत्या नहीं की पुलिस ने उसकी हत्या की है. विपक्षियों से पैसा लेकर उसने हत्या को आत्म हत्या का रूप दिया. हमें उसका चेहरा तक देखने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं इस घटना की सीबीआई जांच हो ताकि हमें न्याय मिल सके.

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