समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सांसद विधायक आजम खान, 23 सितंबर, मंगलवार को सीतापुर जेल से 23 महीने बाद रिहा हो सकते हैं. हालांकि उनकी रिहाई के दौरान दो ऐसी वजहें सामने आईं जिनकी वजह से देरी हो रही है. आजम, अगर आज रिहा नहीं हुए तो फिर 24 सितंबर 2025, बुधवार को उनकी रिहाई तय मानी जा रही है.
आजम की रिहाई में पहला पेंच बेल बॉन्ड का है. आजम के इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद 23 महीनों की कैद से बाहर आने की उम्मीद थी, लेकिन बेल बॉन्ड में उनके पते में गलती पाए जाने के कारण रिहाई की प्रक्रिया रुक गई है. जेल प्रशासन के अनुसार, बेल बॉन्ड भरते समय आजम खान का पता गलत दर्ज हो गया था. किसी भी कैदी की रिहाई के लिए बेल बॉन्ड में पूरा और सही पता अनिवार्य होता है. अगर पते में कोई त्रुटि या असंगति हो, तो पूरी प्रक्रिया को रोक दिया जाता है. अब नए दस्तावेजों को सही कराने के बाद ही रिहाई की प्रक्रिया दोबारा शुरू होगी.
दूसरी वजह मुरादाबाद का परवाना
दूसरा पेंच है मुरादाबाद कोर्ट से एक मामले में रिहाई का परवाना न पहुंच पाना. जानकारी के अनुसार रिहाई का परवाना मुरादाबाद से दोपहर तक पहुंच सकता है. छजलैट केस में आजम खान की 2 साल की सजा पूरी हो चुकी हैं. आज कोर्ट से रिहाई परवाना जारी हो सकता है. ऐसे में आजम खान का आज रिहा होना मुश्किल है. 2 बजे तक परवाना जारी हो पायेगा. अगर वायरलेस ऑनलाइन परवान जेल पहुंचा तो शाम तक रिहाई होगी. अन्यथा रिहाई कल होगी.
आजम खान बीते 23 महीने से जेल में अलग-अलग मामलों में बंद हैं. उन पर 72 मामले दर्ज किए गए थे जिसमें से सभी में उन्हें जमानत मिल गई है.