उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से क्वालिटी बार सहित सभी मामलों में जमानत तो मिल चुकी है लेकिन अभी उनके जेल से बाहर आने में समय लग सकता है. क्योंकि रामपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने शत्रु संपत्ति मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर 3 धाराएं और बढ़ा दी हैं. जिससे आजम खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
जहां आजम खान के समर्थक उनकी जल्द रिहाई की उम्मीद लगाए हुए हैं लेकिन अब पेंच फंस गया है. इस बीच आजम खान परिवार की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराजगी की बातें भी चर्चाओं में हैं और आजम खान के जेल से बाहर आने के बाद आजम परिवार कोई बड़ा राजनीतिक कदम उठा सकता है ये कहा जा रहा है. चर्चा ये भी है कि बसपा सुप्रीमो मायावती से आजम खान की पत्नी और पूर्व सांसद डॉ ताजीन फातिमा की दिल्ली में मुलाकात हो चुकी है. लेकिन आजम खान के करीबी सूत्रों का दावा है कि डॉ ताजीन फातिमा की बसपा सुप्रीमो मायावती से कहीं कोई मुलाकात नहीं हुई है.
सूत्रों का कहना है कि आजम परिवार से पिछले दिनों फोन पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने बात जरूर की थी इसके अलावा कई अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी आजम परिवार के संपर्क में हैं और बात होती रहती है. लेकिन डॉ ताजीन फातिमा या अब्दुल्लाह आजम ने अभी किसी भी पार्टी के बड़े नेता से कोई मुलाकात नहीं कि है. हालांकि कांग्रेस, बसपा सहित कई पार्टियों के नेता आजम परिवार के संपर्क में हैं.
आजम खान और सपा के रिश्ते बहुत गहरे
आजम खान के जेल से आने के बाद ही आगे की रणनीति परिवार तय करेगा. क्या आजम खान सपा छोड़ सकते हैं? इस सवाल के जवाब में सूत्रों का कहना है कि यह संभव ही नहीं है कि ऐसा हो क्योंकि आजम खान और सपा के रिश्ते बहुत गहरे हैं. नाराजगी से इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन यह अभी इस स्तर पर नहीं है कि आजम खान पार्टी छोड़ दें.
अखिलेश यादव से नाराज हैं अब्दुल्लाह
सूत्र बताते हैं कि अब्दुल्लाह आजम सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज हैं लेकिन वह आजम खान के जेल से बाहर आने से पहले कोई फैसला नहीं लेंगे. सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव ने पार्टी के एक विधायक और एक सांसद को आजम परिवार के बीच संवाद बनाने और मामले को संभालने की जिम्मेदारी दे रखी है ताकि आजम परिवार और सैफई परिवार के बीच कोई बड़ी दरार न पड़ जाए.
पहले भी सपा को छोड़ चुके हैं आजम खान
लंबे समय तक जेल में रहने के कारण आजम खान और उनके परिवार से मुस्लिम समाज के मतदाताओं की सहानुभूति बहुत बढ़ी हुई है. अगर आजम खान सपा से अलग होने का कोई बड़ा फैसला लेते हैं तो समाजवादी पार्टी को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है लेकिन इसकी उम्मीद बहुत कम है क्योंकि पूर्व में भी आजम खान और समाजवादी पार्टी के बीच दो बार ऐसा हो चुका है. जब सपा से निकाले जाने के बाद भी आजम खान बड़े बड़े ऑफर मिलने के बावजूद किसी अन्य दल में नहीं गए और उनकी दोनों बार सपा में मजबूत वापसी हुई.
अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं आजम के बेटे
हालांकि इस बार हालात थोड़े बदले हुए हैं क्योंकि उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम अब सक्रिय राजनीति में हैं और वह अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं. क्योंकि सपा में उनके पिता के जैसा सम्मान उन्हें मिलना संभव नहीं है. इसीलिए जेल से आने के बाद से वह अखिलेश यादव से मिलने तक नहीं गए. अब सवाल यही है कि क्या आजम खान जेल से आने के बाद सपा छोड़ देंगे? या पार्टी आजम खान और उनके परिवार को मना लेगी लेकिन इस बार निर्णय लेने में अब्दुल्लाह आजम की भूमिका भी अहम होगी और आगे कुछ भी हो सकता है.