Ayodhya News: अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में विराजमान रामलला इस बार अपना जन्मदिवस मनाने वाले हैं. हर कोई इस खास मौके पर अयोध्या में मौजूद रहना चाहता है लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट कह रहा है इस खास दिन को छोड़कर यानि रामनवमी के बजाय किसी और दिन अयोध्या आइए तो हम आपका स्वागत भी कर पाएंगे और व्यवस्था भी दे पाएंगे. आइए जानते हैं कि राम मंदिर ट्रस्ट ऐसा क्यों कह रहा है और इसके पीछे की वजह क्या है.


रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम यानि 22 जनवरी से अब तक लगभग डेढ़ करोड़ लोगों ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन और पूजन किया है. मंगलवार और शनिवार को ढाई लाख से अधिक लोग दर्शन कर रहे है तो 23 से 25 जनवरी के बीच रोज दर्शनार्थियों की संख्या लगभग 5 लाख तक पहुंच गई. यही हाल होली के अगले दिन भी रहा. जब आंकड़ा 3 लाख पहुंच गया. इस तरह औसत की बात करें तो आज तक रोज लगभग 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री राममंदिर में दर्शन किए. यह संख्या अगर बनी रहती है तो सोचिए एक वर्ष में कितने श्रद्धालु अयोध्या जाकर दर्शन करेंगे? निश्चित तौर पर यह आकड़ा देश ही नहीं विदेश के भी कई प्रमुख धर्म स्थलों से अधिक है. 


राम नवमी पर अयोध्या न आने की अपील
यही कारण है कि राम मंदिर ट्रस्ट अब रामनवमी को लेकर श्रद्धालुओं से अपील कर रहा है कि इस खास दिन अयोध्या आने से परहेज करें क्योंकि जब क्षमता से अधिक लोग रामनवमी के दिन अयोध्या पहुंचेंगे तो सारी व्यवस्था न सिर्फ चरमरा जाएगी बल्कि उन्हें अपने आराध्य के सुगम दर्शन भी नही हो पाएंगे. इसलिए राम मंदिर ट्रस्ट लोगों से अपील कर रहा है कि राम नवमी के बजाय किसी और दिन अयोध्या आइए.
 
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि, जहां तक मेरा अनुमान है अब तक डेढ़ करोड़ दर्शनार्थी दर्शन कर चुके हैं रोजाना लगभग 2 लाख लोग दर्शन कर रहे हैं लेकिन होली के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है और यह आंकड़ा 3 लाख के करीब पहुंच चुका है और यह भीड़ रामनवमी और पूर्णिमा तक कम नहीं होने वाली है. रामनवमी में प्रशासन भी व्यवस्था बना रहा है कैसे कंट्रोल करें भीड़ को और ट्रस्ट भी अपनी व्यवस्था बना रहा है. साथ ही रहने के लिए अस्थाई व्यवस्था भी कर रहा है. उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि आप दर्शन करने आईये लेकिन रामनवमी पर्व के बाद में आईये जिससे आपको दर्शन भी सुलभ से हो सके और आपको आव्यवस्थाओं का सामना न करना पड़े.


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