Ramlala Pran Pratishtha: कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की ओर से राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण अस्वीकारने का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सांसद सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण दिया गया था. जिसे उन्होंने ठुकरा दिया है. इस मामले पर अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता डॉ. निर्मल खत्री ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि किसी इवेंट के जवाब में इवेंट करके हम अपने प्रतिद्वंद्वी का मुकाबला नहीं कर पाएंगे. 


यूपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष निर्मल खत्री ने एक्स पर लिखा कि राम भक्त होना कोई पाप नहीं है, मुझे इस भक्ति पर गर्व है और मुझे इस बात पर भी गर्व है कि मैं प्रभु राम की नगरी का निवासी ही नहीं वरन मेरी जन्मस्थली व कर्म भूमि भी अयोध्या है. सभी धर्मों के लोगों को अपने-अपने इष्ट देवों पर गर्व करना भी चाहिए. रामकथा के पहले रचयिता वाल्मीकि ने लिखा है "रामो विग्रहवान् धर्म:" अर्थात राम धर्म हैं और धर्म ही राम यानी राम जो करते हैं वह धर्म हो जाता है इससे धर्म की व्याख्या होती है. महात्मा गांधी का राम, सनातन अजन्मा है. वह आत्मशक्ति का उपासक है वह निर्बल का सहारा है उसकी कसौटी प्रजा का सुख है. 


"राम मंदिर उद्घाटन में भाग लूंगा"


उन्होंने आगे लिखा कि मैं धर्म के पाखंड का विरोधी, धर्म के सहारे राजनीतिक लाभ लेने के हथकंडे का विरोधी हूं. मैं व्यक्तिगत जीवन में न कोई व्रत रखता हूं और न ही पूजा पाठ करता हूं. हां रामभक्त हनुमान जी का हृदय में स्थान है व उन्हीं को रोज याद कर अपना प्रत्येक दिन व्यतीत करता हूं. ईश्वर के प्रति भक्ति और आस्था मुझमें है. इन बातों को लिखने का तात्पर्य यह है कि अयोध्या में 22 तारीख को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के संदर्भ में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय के व्यक्तिगत निमंत्रण का सम्मान करते हुए मैं इस कार्यक्रम में भाग लूंगा. 


"राहुल गांधी को यात्रा के लिए शुभकामनाएं"


कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का ऐसा कोई निर्देश नहीं है कि कोई कांग्रेसी इस 22 तारीख के कार्यक्रम में भाग न ले सिर्फ हमारे सर्वोच्च नेताओं ने ही 22 तारीख के निमंत्रण में आने की असमर्थता व्यक्त की है. अतः मैं 22 तारीख के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए इसमें भाग लूंगा. अब तो प्रदेश कांग्रेस इकाई ने भी 15 तारीख को अयोध्या यात्रा, सरयू में डुबकी, दर्शन करके 22 के निमंत्रण को हर हाल में स्वीकार करने के लिये प्रेरित कर दिया है. मुझे गर्व है कि मेरा साहसी नेता राहुल गांधी इस देश के लोगों की आवाज बनकर उनकी समस्याओं को उजागर करने और उन्हें यह विश्वास दिलाने कि राहुल गांधी उनके साथ खड़ा है, एक लंबी यात्रा पर मणिपुर से महाराष्ट्र के लिए निकले हैं. इस यात्रा की सफलता के लिए मैं अपनी मंगलकामनायें अर्पित करता हूं. 



पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसी भी दल या संगठन की विचारधारा से लड़ाई वैचारिक आधार पर अपने संगठन को मजबूत करके ही कि जा सकती है न की कोई जबावी इवेंट करके. इवेंट की लड़ाई में हम अपने प्रतिद्वंद्वी का मुकाबला नहीं कर पाएंगे. सिर्फ और सिर्फ वैचारिक आधार पर अपने संगठन को मजबूत करके ही हम अपने प्रतिद्वंद्वी से लड़ पाएंगे. जिस तरफ ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है. एक सच्चा कांग्रेसी होने के नाते मेरा यह आग्रह है कि इवेंट की राजनीति को छोड़कर हम अपने विरोधियों से वैचारिक धरातल पर अपने संगठन को मजबूत करके और उसके द्वारा जनमानस में भी अपनी भावना का प्रचार-प्रसार करके ही कर सकते है. 


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