राममंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला आने के साथ ही अयोध्या का विवाद समाप्त हो गया और इसके साथ ही साथ समाप्त हुआ जाति, धर्म और मजहब का फासला.... जिसका उदाहरण है राममंदिर के भूमि पूजन के बाद दूसरी बार ध्वजारोहण समारोह में बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी को आमंत्रण मिलना और इकबाल अंसारी द्वारा उस आमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करना.

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दरअसल, अयोध्या में 25 नवंबर को आयोजित होने वाले ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह के लिए तैयारियां अंतिम दौर में हैं. इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत राम मंदिर के 190 फीट ऊंचे शिखर पर धर्म ध्वज फहराएंगे. इस आयोजन में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से साधु संतों और VVIP को आमंत्रित किया गया है. 

बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी को मिला आमंत्रण

इसके साथ ही बाबरी मस्जिद के लिए वर्षों से लड़ाई लड़ने वाले बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी को भी इस आयोजन के लिए निमंत्रण भेजा गया है. इकबाल अंसारी के मोबाइल पर कार्यक्रम से जुड़ा निमंत्रण संदेश पहुंचा है, इससे पहले भी उन्हें राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के समय आमंत्रित किया गया था. राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से अंसारी को इस बार होने वाले विशेष ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया गया है. 

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आमंत्रण मिलने पर क्या इकबाल अंसारी ने क्या कहा?

निमंत्रण स्वीकार करते हुए इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या में प्रधानमंत्री मोदी का आगमन पूरे नगर के लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा अयोध्या राम की नगरी है, भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार है देशभर से लोग आ रहे हैं और हम सबकी आस्था भगवान राम से जुड़ी है और मुझे ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है तो मैं जरूर शामिल होने जाऊंगा.

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