Ayodhya News: भगवान राम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन की हृदय स्थली रही कार सेवक पुरम की शाखा राम सेवक पुरम में भयंकर आग लग गयी. आग की वजह से लाखों रुपए का नुकसान हुआ जिसमें अस्थाई तौर पर बनाए गए पीवीसी से निर्मित 14 कमरे पूर्ण रूप से समाप्त हो गए. इस आग में राम मंदिर निर्माण कार्य में लगी नरसिम्हन कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारियों का पूरा समान जलकर खाक हो गया है. आग का इतना वीभत्स स्वरूप था कि घटना के बाद रामसेवक पूरक के आसपास घटना को लेकर हड़कंप मच गया और लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर बाहर निकल आए. आग की चपेट में आने से तीन सिलेंडर जोरदार ब्लास्ट हुआ हालांकि पूरे आग में किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई. इस हादसे में पांच लोग घायल हुए थे जो इलाज के बाद पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं.


विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने आग बुझाने को लेकर दमकल की लैब पर लापरवाही का आरोप लगाया है. आरोप है कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी काफी देर बाद पहुंची जिस वजह से हादसा भयानक हो गया. आगजनी की घटना में लाखों की क्षति का अनुमान है. फिलहाल आगजनी में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. आग लगने के कारणों को लेकर पुलिस जांच में जुटी ही है. इसके साथ ही कमरों में रहने वाले नरसिम्हा कंस्ट्रक्शन कंपनी के लगभग 100 से ज्यादा मजदूरों के सामान जलकर बर्बाद हो गया. घटना को लेकर लोगों में फायर ब्रिगेड के खिलाफ आक्रोश है.


फायर ब्रिगेड के खिलाफ नाराजगी
विश्व हिंदू परिषद के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि रामसेवक पुरम जहां पर प्राण प्रतिष्ठा के दरमियान खाद्यान्न के समान का भंडारण किया गया था. यहां पर कुछ लोगों के निवास की भी व्यवस्था की गई थी, जो पीवीसी से निर्मित थी. अज्ञात कारणों से आग लग गई जिसमें लाखों का नुकसान हुआ है. शरद शर्मा ने कहा कि स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं ने आग बुझाने में सहयोग किया. इसके बाद किसी तरह आग बुझाई गई. स्थानीय प्रशासन पर नाराज होते हुए शरद शर्मा ने कहा कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी आने में विलंब भी हुई और जो गाड़ी आई उसमें ना पानी था और ना ही पानी का प्रेशर सही तरह से कार्य कर रहा था.


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