Ayodhya News: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सनातन धर्म की शिक्षा की खबर से अयोध्या के साधु संतों में हर्ष की लहर दौड़ गई है. उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इस्लामिक स्टडीज विभाग में अब सनातन धर्म की शिक्षा भी दी जाएगी. साधु-संतों ने पोस्ट ग्रेजुएट छात्र छात्राओं के लिए सनातन धर्म पर अध्ययन के लिए कोर्स लाने पर प्रसन्नता जाहिर की है उनका कहना है कि सनातन धर्म सबसे पुराना धर्म है लिहाजा सनातन धर्म और संस्कार पर अध्ययन कराया जाना बहुत बेहतर कदम है.

'छात्रों में आएगी राष्ट्रप्रेम की भावना'हनुमानगढ़ी पुजारी राजू दास का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में चाहे वह पाकिस्तान के लेखक या चाहे हिंदुस्तान के लेखक की पुस्तकें हो. स्कूल विद्या का मंदिर है और उस मंदिर में पहली बात तो किसी भी संप्रदाय विशेष जाति विशेष मजहब विशेष की बात ही नहीं होनी चाहिए. वहां तो ऐसे संस्कार उपलब्ध करना चाहिए, ऐसी शिक्षा दीक्षा देनी चाहिए जिसमें चाहे हिंदू हो मुस्लिम हो सिख हो इसाई हो उसमें सामंजस्य सामान्यतः राष्ट्रप्रेम और समाज प्रेम बढ़े लेकिन मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिस तरह उग्रता की पढ़ाई दी जाती है, मानसिकता परोसी जाती है वहां के लोग निकलने के बाद आतंक को बढ़ावा देते हैं. 

हर मुस्लिम कॉलेज में होना चाहिए सनातन धर्म का अध्ययनराजू दास  ने आगे कहा कि इसी के साथ मैं मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रबंधक महोदय को धन्यवाद दूंगा. मैं कुलाधिपति से उम्मीद करता हूं कि आप राष्ट्रवादी सोच उत्पन्न करें, राष्ट्रवादी विचारधारा छात्रों के अंदर भरें, जिससे राष्ट्र का कल्याण और समाज का भी उत्थान हो सके. राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि विश्वविद्यालय जो भी हो वहां सनातन धर्म का ही पढ़ाई हो क्योंकि सनातन का मतलब ही है जो आदिकाल से चला आ रहा हो. जहां पर भी मुस्लिम कॉलेज हो वहां पर भी सनातन धर्म संस्कार का अध्ययन होना चाहिए जिससे लोगों को मालूम पड़ेगा कि वस्तुतः सनातन धर्म है क्या और ऐसी सोच बहुत अच्छी है. 

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