UP News: अयोध्या में अभी भी राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. इसी दौरान वहां हजारों वर्ष पुराने प्राचीन अवशेष मिलने से पुरातत्व प्रेमियों में उत्साह है. कुबेर टीला मार्ग के निर्माण के दौरान मिले इन अवशेषों में दो शेरों पर सवार देवी की मूर्ति भी शामिल है, जो पुरातात्विक महत्व की संभावना जता रही है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा इन अवशेषों को संरक्षित करने की प्रक्रिया तेजी से जारी है.

ये पौराणिक मूर्ति मिलने पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पतराय ने इस मुद्दे पर गंभीरता जताई है. उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि के सभी विषय, चाहे वह न्यायालय के निर्णय से जुड़ी न्यायायिक पांडुलिपियां हों या फिर पूर्व और वर्तमान में प्राप्त पुरावशेष, इनका संरक्षण और सुरक्षा हमारा कर्तव्य है ये वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए अमूल्य धरोहर हैं. अयोध्या में ऐतिहासिक चीजों के लगातार मिलने से यहां की विशेषता बढ़ती जा रही है.

UP Politics: सपा के बयान पर मनोज पांडेय को आई हंसी, अमित शाह संग फोटो शेयर कर कहा- ये तो चौंकाने वाला है...

हिन्दू वास्तुकला के स्वरुप के नमूने

वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि ये अवशेष हिंदू संस्कृति और वास्तुकला के प्राचीन स्वरूप को दर्शाते हैं. दो शेरों पर सवार देवी की मूर्ति को देखकर इतिहासकारों ने इसे दुर्लभ खोज करार दिया है. क्यूंकि अभी तक इस तरह की कोई मूर्ति नहीं मिली थी. प्राचीन स्थापत्य काला को समझने के लिए ये काफी महत्वपूर्ण है. इन अवशेषों को सुरक्षित रखने के लिए विशेषज्ञों की टीम कार्यरत है.

बनगे संग्रहालय

अयोध्या में मिले अवशेषों को संरक्षित करने के लिए पुरातत्वविदों और विशेषज्ञों की टीम को तैनात किया गया है. इन अवशेषों का वैज्ञानिक विश्लेषण किया जा रहा है ताकि उनकी आयु और ऐतिहासिक स्थिति स्पष्ट हो सकें. इसके साथ ही ये भी पता चल सकेगा कि उस काल में यहां कैसी सभ्यता रहतीं और उनका सांस्कृतिक रहन-सहन कैसा था. इसके अलावा  इनका प्रदर्शन भविष्य में संग्रहालय में करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक इनका अवलोकन कर सकें.