प्रयागराज: मोक्षदायिनी गंगा की अविरलता और निर्मलता के संदेश को लेकर 16 दिसंबर 2020 को संगम नगरी प्रयागराज से निकाली गई मुंडमाल अतुल्य गंगा परिक्रमा यात्रा 23 जून 2021 को पूरी हो गई है. 190 दिनों में यात्रा 5503 किलोमीटर की दूरी तय कर वापस लौट आई है. ये यात्रा प्रयागराज से शुरू होकर पहले एक फरवरी को गंगासागर पहुंची थी, जिसके बाद गंगासागर से होली पर्व के करीब संगम नगरी प्रयागराज लौटकर आधी परिक्रमा पूरी कर ली थी. यहां से निकलकर यात्रा गंगोत्री पहुंची और गंगोत्री से वापस 23 जून को झूंसी के उल्टे किले में स्थित समुद्र कूप में यात्रा का समापन करने की घोषणा कर दी गई. 

224 स्थानों पर गंगाजल का सैंपल लिया गयामुंडमाल अतुल्य गंगा परिक्रमा के समापन के मौके पर प्रयागराज जिला प्रशासन की ओर से इस अभियान से जुड़े सभी सदस्यों का सर्किट हाउस में स्वागत और भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया. कमिश्नर संजय गोयल, आईजी केपी सिंह और डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने अभियान से जुड़े सभी सदस्यों का भव्य स्वागत किया. इस मौके पर अभियान से जुड़े सदस्यों ने भी अनुभव साझा किए. ये यात्रा 5 राज्यों के 52 जिलों से होकर गुजरी है. इस अभियान से 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हैं. मुंडमाल गंगा परिक्रमा के सदस्यों ने गंगा के प्रदूषण की स्थिति जानने के लिए पॉल्यूशन मैपिंग के जरिए 224 स्थानों पर गंगाजल का सैंपल भी लिया है, जिसकी जांच रिपोर्ट आने पर गंगा में प्रदूषण की वास्तविक स्थिति का पता लगेगा. इस दौरान वृक्षमाल अभियान के तहत टीम ने गंगा किनारे 30 हजार पौधों को भी रोपित किया, ताकि गंगा की पट्टी को हराभरा बनाया जा सके. 

लोगों को जागरूक किया गयामुंडमाल अतुल्य गंगा परिक्रमा के संयोजक गोपाल शर्मा के मुताबिक इस यात्रा को दो सदस्यों ने शत-प्रतिशत पूरा किया है, जिनमें रोहित जाट और शगुन त्यागी शामिल हैं. कमिश्नर प्रयागराज मंडल संजय गोयल के मुताबिक मुंडमाल अतुल्य गंगा परिक्रमा के इस अभियान के जरिए गंगा किनारे बसे लोगों को जहां गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए जागरूक किया गया है, वहीं आगे आने वाले दिनों में भी गंगा पर शोध में भी इससे लोगों को मदद मिलेगी. इसके साथ ही साथ इस अभियान से अन्य लोगों को भी जोड़ा जा सकेगा.