Five Naxalites arrested from Ballia: उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने जिले के सहतवार थाना क्षेत्र से एक महिला नक्सली सहित पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की वाराणसी शाखा ने एक बयान जारी करके बताया कि 15 अगस्त को जिले के सहतवार थाना क्षेत्र के बसंतपुर गांव के पास महिला नक्सली तारा देवी उर्फ मंजू उर्फ मनीषा, लल्लू राम उर्फ अरुण, सत्य प्रकाश वर्मा, राम मूरत व विनोद साहनी को गिरफ्तार किया गया है. बलिया के पुलिस एसपी एस आनंद ने गुरुवार को नक्सलियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है.


एसपी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि नक्सली बिहार व झारखंड के सीमावर्ती जिलों में नक्सली गतिविधियों के विस्तार के लिए नए सदस्यों की भर्ती तथा नक्सल विचारधारा का प्रचार प्रसार करने के बारे में एक गोपनीय बैठक कर रहे थे. इस दौरान एटीएस ने छापा मारकर इन्हें गिरफ्तार कर लिया. भी नक्सली बलिया जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. एटीएस ने इनके पास से भारी मात्रा में नक्सल साहित्य, पर्चे, हस्तलिखित संदेश, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एवं असलहा बरामद किया है. बलिया जिले से पांच नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद बलिया पुलिस सतर्क हो गई है. इस मामले में पुलिस अधीक्षक एस आनंद का कहना है कि पुलिस जिले में नक्सली गतिविधियों को लेकर सतर्क है और जांच एजेंसी से प्राप्त हो रही जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रही है.


कई नक्सली घटनाओं में शामिल थी महिला


नक्सलियों के महिला दस्ते की सक्रिय मेंबर तारा देवी उर्फ मंजू उर्फ मनीषा 2005 से ही संगठन के के लिए काम कर रही थी. जानकारी के अनुसार वह कई नक्सली घटनाओं में शामिल रह चुकी है. पुलिस ने बताया कि तारा देवी ने मधुबन बैंक डकैती कांड को अपने साथी नक्सलियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था. अब एटीएस इन सभी नक्सलियों को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है. 


मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते नक्सली


पुलिस ने बताया कि नक्सली अपने साथियों के साथ बातचीत के लिए मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते. वे अपना मैसेज दूसरे साथियों तक पहुंचाने के लिए संदेशवाहक, पर्ची, मेमोरी कार्ड और पेन ड्राइव आदि का इस्तेमाल करते हैं. जानकारी के अनुसार ये नक्सील बलिया में नक्सली हमले करने की फिराक में थे. इसके पहले वर्ष 2008 में नक्सलियों ने सदर कोतवाली के सहरसपाली में ग्रामीण सोहन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं इन नक्सलियों की गिरफ्तारी से प्रशासन में हड़कंप मच था. इनकी गिरफ्तारी के बाद पूरे इलाके को पुलिस छावनी में बदल दिया गया था.


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