Atiq Ahmed Murder: माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और अशरफ (Ashraf) हत्याकांड की जांच कर रही पांच सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की टीम प्रयागराज से वापस लौट गई है. टीम ने चार दिनों तक संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की इस दौरान कई लोगों के बयान दर्ज किए गए, जिसके बाद टीम वापस लौट गई हैं. मंगलवार 16 मई को न्यायिक आयोग की टीम अपने तीसरे दौरे पर आई थी. इस दौरान आयोग की टीम चार दिन तक प्रयागराज के सर्किट हाउस में ही मौजूद रही. 


न्यायिक आयोग की टीम ने चार दिनों तक कई लोगों से अतीक और अशरफ की हत्या से जुड़े कई बड़े सवालों को लेकर पूछताछ की. इस दौरान सर्किट हाउस की सुरक्षा व्यवस्था को एकदम चाक चौबंद किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग की टीम ने कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच ही सर्किट हाउस में लोगों के बयान दर्ज किए. इस दौरान टीम ने मौका ए वारदात पर मौजूद 9 मीडियाकर्मियों और 16 स्वास्थ्य कर्मियों से भी बात की और उनके बयानों को दर्ज किया. इसके अलावा कई अन्य लोगों के भी बयान दर्ज किए गए हैं. 


न्यायिक आयोग की टीम में ये लोग हैं शामिल


अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या के बाद योगी सरकार ने पहले तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की जांच कमेटी का गठन किया था, जिसे बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस डीबी भोंसले की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कर दिया गया. इस कमेटी में झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस वीरेंद्र सिंह आयोग के उपाध्यक्ष हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज एके त्रिपाठी, रिटायर्ड डीजी सुबेश कुमार सिंह और रिटायर्ड जिला जज बृजेश कुमार सोनी इस आयोग के सदस्य हैं. 


आपका बता दें 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की उस वक्त सबके सामने हत्या कर दी गई थी जब दोनों के मेडिकल चेकअप के लिए कॉल्विन अस्पताल में लाया गया था. तीनों हमलावर मीडिया कर्मी बनकर आए थे और उन्होंने मौका देखते ही दोनों के सिर में गोली मार दी. जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी. इसके बाद तीनों ने वहीं पर सरेंडर कर दिया. 


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