Asaduddin Owaisi in Muzaffarnagar: ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी ने मुज़फ्फरनगर में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में मुजफ्फरनगर की जनता को दंगा झेलना पड़ा. यह दंगा देश की आजादी के बाद हुए विभाजन से भी ज्यादा भयावह था. विभाजन के बाद पहली बार लोगों को अपना घर, गांव और मस्जिदों को छोड़कर शरणार्थी बनने के लिए विवश होना पड़ा. सपा ने दंगे के बाद पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया और मुस्लिम विधायकों की जुबां पर ताला लगाकर उनकी ताकत को कमजोर करने का काम किया गया. मुज़फ्फरनगर में अपनी पहली चुनावी जनसभा कर रहे असदुद्दीन ओवेसी ने अपने 40 मिनट के भाषण में जहां समाजवादी पार्टी पर जमकर हल्ला बोला वहीं, मुज़फ्फरनगर दंगों का जिक्र करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनप्रतिनिधि मुकदमों के केस वापसी पर भी सवाल उठाये.


मुजफ्फरनगर दंगों के लेकर सपा पर हमला 


दरअसल, बुधवार को मुज़फ्फरनगर शहर के निकटवर्ती गांव बझेडी के पास आयोजित मजलिस के शोषित वंचित समाज सम्मेलन की जनसभा में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे AIMIM पार्टी के मुखिया असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि, 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगा हुआ. इसमें विभाजन के बाद बड़े पैमाने पर लोगों को अपने घर से बेघर होना पड़ा. 50 हजार गरीब अपना गांव, खेत और जमीन के साथ ही मस्जिदों को छोड़कर अपने ही जिले में शराणार्थी बन गये. यह सपा का फेलियर था. सपा सरकार ने दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए कुछ नहीं किया. उस दौरान यूपी की विधानसभा में करीब 70 मुस्लिम विधायक थे. जिन पार्टियों के यह मुस्लिम विधायक थे, उनके आकाओं ने मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ितों की पीड़ा पर बोलने के लिए अपने विधायकों के मुंह सिल दिये और जुबां पर ताला लगा दिया गया.


सपा पर सवाल 


उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि, जब यूपी विधानसभा में 70 मुस्लिम विधायक थे और समाजवादी पार्टी सत्ता में थी तो फिर इतना बड़ा दंगा कैसे हो गया? उन्होंने कहा कि, सपा और 70 मुसलमान विधायक आपको इंसाफ नहीं दिला पाये, इसको समझना होगा. इन विधायकों की पार्टियों ने उनको कमजोर बनाया और आपकी ताकत को खत्म किया गया. 


भारत-पाकिस्तान मैच पर बोले


असदुद्दीन ओवैसी इतने पर ही नहीं रुके मुजफ्फरनगर में अपनी पहली चुनावी जनसभा कर रहे असदुद्दीन ओवैसी ने हिंदुस्तान पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर बोलते हुए कहा कि, जब बॉर्डर पर टेंशन का माहौल है और हमने बार-बार प्रधानमंत्री जी से आग्रह किया कि आप क्रिकेट मैच मत खेलो, क्योंकि हिंदुस्तान पाकिस्तान बॉर्डर पर हमारे जवानों पर हमला हो रहा है हमारे जवानों की शहादत हो रही है लेकिन बावजूद इसके हिंदुस्तान पाकिस्तान का क्रिकेट मैच हुआ और बदकिस्मत से पाकिस्तान जीत गया और हिंदुस्तान हार गया. क्रिकेट मैच में 11 खिलाड़ी होते हैं प्रत्येक खिलाड़ी का मैच को जिताने का कर्तव्य होता है लेकिन जब हिंदुस्तान हार गया तो सारा का सारा दोष मोहम्मद शमी पर मढ़ दिया गया क्योंकि आप जानते हैं वह मुसलमान हैं. 


असदुद्दीन ओवैसी ने मुजफ्फरनगर दंगों पर बोलते हुए कहा कि, 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगे हुए योगी सरकार ने अपने विधायकों और मंत्रियों के केस वापस लेने का आदेश दे दिया, उनके खतौली विधायक विक्रम सैनी के खिलाफ कई मुकदमे थे लेकिन कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया किस बुनियाद पर बरी कर दिया या उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं था. इस बुनियाद पर किसी को बरी कर देना यह कहां का इंसाफ है?


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