Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड को एक साल पूरा हो चुका है. एक साल बाद भी परिजनों के लिए इंसाफ अधूरा है. अब अंकिता भंडारी के नाम पर सियासत भी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी की याद में कॉलेज का नाम रखने की घोषणा की. सरकार ने पौड़ी जनपद के डोभ श्रीकोट राजकीय नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता भंडारी के नाम पर करने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार परिजनों के साथ खड़ी है.


अंकिता भंडारी हत्याकांड के एक साल


प्रदेश की हर बेटी का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध है. अंकित भंडारी के पिता ने कहा कि राज्य सरकार से डोभ श्रीकोट स्थित राजकीय नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर करने की मांग की गई थी. विपक्ष ने राज्य सरकार के फैसले पर सवाल उठा दिए. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया कि सरकार वीआईपी के नाम का अभी तक खुलासा नहीं कर पाई है. अंकित भंडारी के हत्यारों को सजा भी नहीं मिली है. आरोपियों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. कांग्रेस अंकित भंडारी को न्याय दिलाने के लिए आज प्रदेश में कैंडल मार्च निकालने जा रही है. बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है.


VIP के नाम का खुलासा करे सरकार 


बीजेपी प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि कांग्रेस को राजनीति बंद कर देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी के हत्यारे जेल में हैं. हरीश रावत को वीआईपी का नाम मालूम है तो राज्यपाल को बता सकते हैं ताकि अंकिता भंडारी को इंसाफ मिल सके. कुल मिलाकर अंकिता हत्याकांड मामले में पिछले 1 साल से सियासत जारी है. अंकिता हत्याकांड का जिम्मेदार वीआईपी पर सवाल एक साल से बरकरार है. अंकिता को इंसाफ दिलाने के लिए सरकार ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने का एलान किया था. वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं होने से सवाल उठ रहे हैं कि राज्य सरकार की पैरवी कमजोर है. बता दें कि 18 सितंबर को आज ही के दिन अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी. 


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