अलीगढ़: सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को भी शामिल होने के लिए कहा गया है. इसके लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी (शिक्षा) डॉ. विनीत जोशी ने एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर को पत्र लिखा है. इससे पहले एएमयू ने अपने अल्पसंख्यक स्वरूप के मामले को सुप्रीम कोर्ट में होने का हवाला देकर टेस्ट में शामिल होने से इंकार किया था. इससे संबंधित एएमयू के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने एक पत्र भी यूजीसी के चेयरमैन को लिखा था जिसमें अन्य मुद्दों को भी रखा गया था.


अब AMU वीसी के उस पत्र के जवाब में एडिशनल सेक्रेटरी विनीत जोशी ने एएमयू वीसी द्वारा उठाये गए मुद्दों का भी जवाब उनको दिया है. इससे एएमयू पर कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में शामिल होने का दबाव बढ़ गया है. हालांकि अभी भी एएमयू अपनी एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में इस मसले को रखेगा उनके बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा.


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दरअसल यूजीसी के चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट को लागू कर दिया है. इसके दायरे में जामिया और एएमयू भी आ रहे हैं, जो टेस्ट में शामिल होंगे. हालांकि, एएमयू ने टेस्ट में शामिल न होने को लेकर अल्पसंख्यक संस्थान होने का मामला न्यायालय में होने का हवाला दिया था.


शिक्षा मंत्रालय ने 2-11-2020 को अपने मेल के माध्यम से केंद्रीय विश्वविद्यालय में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कराने को लेकर विश्वविद्यालयों से इनपुट मांगा था. इससे संबंधित इनपुट एएमयू ने 7-11-2020 को भेज दिया था. 21 फरवरी 2022 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के चेयरमैन को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रवेश का प्रश्न भारत के सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है.


इन तमाम मुद्दों के साथ एएमयू ने वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने यूजीसी के चेयरमैन से अनुरोध किया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को प्रस्तावित सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से तब तक छूट दी जाए जब तक कि मामला भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अंतिम रूप से तय नहीं किया जाता. एएमयू वीसी के इस पत्र के जवाब में शिक्षा मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी .(शिक्षा) डॉ. विनीत जोशी के पत्र से टेस्ट में शामिल होने का दबाव बढ़ गया है.


शिक्षा मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी विनीत जोशी के इस पत्र के बाद एएमयू पर कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में शामिल होने का दबाव बढ़ गया है.अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि एएमयू के वीसी ने कमेटी बना दी. उस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट वाइस चांसलर को दी और उसी के अनुपालन में वीसी ने मिनिस्ट्री को जवाब दे दिया. उसके बाद में फिर शिक्षा मंत्रालय से एक पत्र आया है. उस लेटर को वाइस चांसलर ने फिर कमेटी के सामने रख दिया है और उस लेटर का कमेटी एग्जामिन कर रही है. कमेटी एग्जामिन करने के बाद यह मैटर एकेडमिक काउंसिल में जाएगा. 


वीसी ने अपना पक्ष यह रखा था उसमें यह बात यह भी थी कि हम अल्पसंख्यक संस्थान है इसी ग्राउंड पर हमें इससे बाहर रखा जाए और हमें इसमें शामिल नहीं किया जाए. अब एकेडमीक काउंसिल की मीटिंग में मामला रखा जाएगा जो कमेटी का फैसला होगा उसी के अनुसार शिक्षा मंत्रालय को जवाब भेजा जाएगा.


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