अलीगढ़: बड़ी संख्या में अपने शिक्षकों और शिक्षण कार्य से जुड़े कर्मचारियों की कोविड-19 से हुई मौत से बेजार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) प्रशासन ने अपने कर्मियों के टीकाकरण का ऑडिट शुरू किया है. टीकाकरण के ऑडिट मकसद ये पता लगाना है कि टीका लगवाने से परहेज करना इन मौतों के लिए किस हद तक जिम्मेदार है.

कुलपति ने लिखा पत्र एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने विश्वविद्यालय बिरादरी को लिखे एक खुले पत्र में कहा कि इस बात के मजबूत सबूत हैं कि कर्मियों की तरफ से कोविड-19 का टीका लगवाने से परहेज करने की वजह से इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों और कर्मचारियों की इस वायरस से मौत हो गई. पिछले हफ्ते ही एएमयू के दौरे पर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस तरफ इशारा किया था. 

सभी से की टीका लगवाने की अपील कुलपति ने पत्र में कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में इस वक्त दो टीकाकरण केंद्र हैं और विश्वविद्यालय समुदाय से अपील है कि वो सभी शक-शुबहे छोड़कर टीका लगवाएं ताकि अब आगे कोई और जनहनि ना हो.

तीसरी लहर को लेकर जारी है तैयारी गौरतलब है कि, पिछले एक महीने के दौरान एएमयू के 19 शिक्षकों और बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त शिक्षकों की कोविड-19 या उससे मिलते जुलते लक्षणों के कारण मौत हो गई है. कुलपति ने कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इससे निपटने की तैयारियों के लिए 15 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की है, जो परिसर में तीसरी लहर के मद्देनजर जरूरी संसाधनों और चिकित्सीय सुविधाओं की उपलब्धता की कार्य योजना तैयार करेगी. 

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