Aligarh Muslim University: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन पर अब सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप लगा है. यूनिवर्सिटी का इस सरकारी जमीन पर पिछले 80 साल से ज्यादा समय से कब्जा था और यहां एएमयू का हॉर्स राइडिंग क्लब संचालित होता था. 100 करोड़ से ज्यादा कीमत वाली इस जमीन पर अब नगर निगम ने अपना दावा ठोक दिया है और उसे एएमयू के कब्जे से मुक्त कर लिया है. 

नगर निगम ने अपनी और भी जमीन जल्दी कब्जा मुक्त कराने की बात कही है. वही एएमयू प्रशासन का कहना है कि यूनिवर्सिटी न्यायालय में अपना पक्ष रखेगी और यूनिवर्सिटी के पास तमाम कागज मौजूद हैं. नगर निगम ने एक तरफा कार्रवाई की है.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने न्यायालय जाने की बात कहीदरअसल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हॉर्स राइडिंग क्लब की करीब 41 बीघा जमीन नगर निगम के खाते में दर्ज है. शासन के निर्देश के बाद तमाम जगह सरकारी जमीनों को तलाश किया जा रहा है और उनको कब्जा मुक्त कराया जा रहा है. अलीगढ़ नगर निगम ने भी अपनी करीब 41 बीघा जमीन जो 80 साल से एएमयू के कब्जे में थी वह मुक्त करा ली है. इसकी कीमत 100 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है. इसको लेकर अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी प्रशासन और नगर निगम आमने-सामने है. नगर निगम ने जहां अपनी जमीन कब्जा मुक्त करा ली है तो वही एएमयू प्रशासन इसको एक तरफा कार्रवाई बताते हुए न्यायालय में जाने की बात कह रहा है.

नगर आयुक्त विनोद कुमार ने बताया कि जब से नगर निगम अस्तित्व में आया तब से हमारी बहुत सारी भूमि जो ग्राम समाज की थी या नगर निगम में आई उसके सत्यापन का काम हमने शुरू कराया हुआ है और बहुत सारी संपत्ति हमारी अवैध कब्जे में पाई गई. विगत समय में लोगों ने धीरे-धीरे करके कब्जे कर लिए जिसका सत्यापन कराया गया. वर्तमान भमोला माफी में हमने करीब चार हेक्टेयर से ज्यादा लैंड 41 बीघा के आसपास हम लोगों ने अवैध कब्जे से मुक्त कराया है. इसका हमने पहले अभिलेखीय परीक्षण किया फिर मौके पर भौतिक परीक्षण किया. 

41 बीघा जमीन की कीमत 100 करोड़ रुपयेमौके पर एएमयू प्रशासन द्वारा बताया गया कि हमारी जमीन है लेकिन हमने अपने रिकॉर्ड को देखा और उसका वेरिफिकेशन करा और फिर उस पर अपना कब्जा किया है. लगभग 41 बीघा के आसपास जमीन है और बाजार की कीमत करीब 100 करोड़ रुपए के आसपास है. इसके अतिरिक्त बहुत सारी हमारी और भी भूमि है जो निगम की संपत्ति हैं, जो निगम की संपत्ति के रूप में दर्ज है. उस पर भी सत्यापन की कार्यवाही लगातार चल रही है और उस पर भी हम लोग अभिलेखीय सत्यापन और फिर भौतिक सत्यापन और फिर अगर किसी का भौतिक कब्जा पाया जाता है तो उससे भी हम लोग बात करके उस संपत्ति पर अवैध कब्जा हटवा कर अपने कब्जे में लेंगे.

एएमयू के संपत्ति अधिकारी शकील अहमद ने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कि जो भूमि इस वक्त है जिसमें कि हमारा वर्तमान राइडिंग क्लब है, उस पर नगर निगम अलीगढ़ द्वारा दावा किया गया है कि वह भूमि उनकी है. हकीकत यह है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की ये जमीन 80 साल से एएमयू के कब्जे में है और यह गवर्नमेंट ऑफ उत्तर प्रदेश के द्वारा लैंड एक्विजिशन एक्ट के तहत यूनिवर्सिटी को दी गई थी. जिसका यूनिवर्सिटी के पास पर्याप्त सबूत है. सभी दस्तावेज है और जब भी उसको न्यायालय के सामने पेश करना होगा AMU अपना केस को न्यायालय के सामने पेश करेगी. 

मामले में नगर निगम ने एकतरफा कार्रवाई की- एएमयू प्रशासनहम उसकी विधिक लड़ाई लड़ेंगे और अपना स्वामित्व उस पर स्थापित करेंगे कि यह जमीन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की है. उसके ओनरशिप की है. अलीगढ़ यूनिवर्सिटी इसका मालिक है. यूनिवर्सिटी प्रशासन विधिक कार्रवाई करेगा. हम जितनी भी कार्यवाही हो सकती है उसको करेंगे. नगर निगम ने एक तरफा कार्यवाही की है. उन्होंने हमें कोई नोटिस भी नहीं दिया है, ना हमारे डॉक्यूमेंट को उन्होंने देखा है. अगर वह नगर निगम हमको कोई नोटिस देता तो हम उसके सामने अपने दस्तावेज को पेश करते, उससे हमें मौका भी मिलता. जाहिर है कि न्यायालय में जाना पड़ेगा और न्यायालय ही इसका निर्णय करेगी कि इसका मालिक कौन है? 

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