उत्तर प्रदेश के अमरोहा में वंचित-शोषित महरालु समाज की जनसभा को संबोधित करने पहुंचे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला. उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि अपने वोट को दारू, मुर्गा और पैसे के लालच में न बेचें, क्योंकि वोट बेचना बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के लोकतंत्र का अपमान है.

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ओमप्रकाश राजभर ने इस दौरान कांग्रेस और सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वोट चोरी कांग्रेस के जमाने में होती थी.इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी से गठबंधन पर कहा कि छह-छह महीने का समझौता है, समय-समय पर समीक्षा होती है, उसके मुताबिक निर्णय होता है. अखिलेश यादव को लेकर कहा कि उन्हें अभी अच्छा नेता बनने में समय लगेगा.

कांग्रेस सपा पर तीखा हमला

राजभर ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि वोट चोरी की शुरुआत कांग्रेस ने की थी और ईवीएम भी कांग्रेस की ही देन है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 70 हजार वोट चोरी कर बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर को चुनाव हरवाया था, जिसका साक्ष्य स्वयं बाबा साहेब ने उस समय चुनाव आयोग को सौंपा था.

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ईवीएम पर सवाल से पहले  इस्तीफा दें

ईवीएम को लेकर सवाल उठाने वाले नेताओं पर तंज कसते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि जो नेता चुनाव जीतकर सदन में बैठे हैं, वे पहले अपने पद से इस्तीफा दें, उसके बाद बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग करें. उन्होंने कहा कि केवल हार के बाद ईवीएम पर सवाल उठाना राजनीतिक पाखंड है.

अखिलेश यादव पर कसा तंज

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर टिप्पणी करते हुए राजभर ने कहा कि उन्हें अभी अच्छा नेता बनने में समय लगेगा. उन्होंने यह भी कहा कि जनता अब जागरूक है और बहकावे में आने वाली नहीं है.

बीजेपी से गठबंधन पर छह-छह महीने का समझौता

बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर राजभर ने स्पष्ट किया कि यह छह-छह महीने का समझौता है और समय-समय पर परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लिए जाते हैं. साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि पिछले सात वर्षों में प्रदेश में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ, जो बेहतर कानून व्यवस्था का प्रमाण है.

जनसभा के दौरान राजभर के बयानों को लेकर सियासी हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं और उनके तीखे तेवरों ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है.