UP Maulana Tauqeer Raza Case: यूपी के बरेली जिले में 14 साल पहले हुए सांप्रदायिक दंगे में कोर्ट की तरफ से मास्टरमाइंड बताए गए मौलाना तौकीर रजा को बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार (19 मार्च) को इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के चीफ मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ जारी दो गैर जमानती वारंट के 27 मार्च तक अमल होने पर भी रोक लगा दी है. कोर्ट ने मौलाना तौकीर रजा को 27 मार्च या उससे पहले बरेली कोर्ट में सरेंडर कर जमानत अर्जी दाखिल करने को कहा है. 


कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरेंडर करने पर बरेली कोर्ट कानून के मुताबिक जमानत अर्जी पर फैसला करेगी. हाईकोर्ट ने बरेली के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज की तरफ से 5 मार्च को सुओ मोटो लेकर मौलाना तौकीर रजा को तलब किए जाने के आदेश में किए गए कुछ कमेंट्स को आदेश से अलग भी किया. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह टिप्पणियां गैर जरूरी थी. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ में टिप्पणियां की गई थी. मौलाना तौकीर रजा की अर्जी पर जस्टिस आर एम एन मिश्रा की सिंगल बेंच में आज सुनवाई हुई थी. 


बरेली कोर्ट से जारी हुए गैर जमानती वारंट के खिलाफ मौलाना तौकीर रजा ने याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की थी. आज भी सुनवाई में तौकीर रजा और यूपी सरकार के वकीलों ने दलीलें पेश की.जस्टिस आर एम एन मिश्र की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई की. तौकीर रजा की याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. इस तरह बरेगी दंगे के मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर रजा को बड़ी राहत मिली है. 


गौरतलब है कि यूपी के बरेली जिले में साल 2010 में साम्प्रदायिक दंगा हुआ था. इस दंगे के दौरान जमकर हिंसा हुई थी. मामला सियासी गलियारों में भी खूब गूंजा था. तत्कालीन मायावती सरकार की खासी किरकिरी हुई थी. पिछले दिनों बरेली कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए मौलाना तौकीर रज़ा को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने मौलाना को दंगे का मास्टरमाइंड माना था. मौलाना तौकीर के कोर्ट में पेश नहीं होने पर उसके खिलाफ दो बार गैर जमानती वारंट जारी हुआ. कोर्ट ने बरेली पुलिस को मौलाना को गिरफ्तार कर पेश करने का भी आदेश दिया. बरेली कोर्ट के इसी फैसले को मौलाना ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.


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