UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर बिकरू कांड के आरोपी जयकांत वाजपेई की सशर्त जमानत मंजूर की है. आरोपी जयकांत 20 जुलाई 20 से जेल में बंद था, जस्टिस सिद्धार्थ की सिंगल बेंच ने आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर की है. बिकरू कांड के आरोपी जयकांत बाजपेई पिछले 5 साल से जेल में बंद है, वह विकास दुबे का खजांची था.
याची का कहना था कि उसकी पहली जमानत अर्जी 30 मई 2023 को खारिज कर दी गई थी, यह उसकी दूसरी जमानत अर्जी है. एक सह अभियुक्त उमाशंकर यादव की भी पहली जमानत अर्जी खारिज हुई थी लेकिन दूसरी जमानत अर्जी मंजूर कर ली गई है.
बता दें कि 2 जुलाई 2020 की घटना में 21 नामजद व 60-70 अज्ञात लोगों ने पुलिस पर हमला किया था, जिसमें आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी. यह मामला कानपुर नगर के थाना चौबेपुर का था, इसमें मुख्य अभियुक्त विकास दुबे इनकाउंटर में मारा गया था.
बता दें कि कानपुर का बिकरू कांड उत्तर प्रदेश में बड़ा ही जघन्य अपराधों में गिना जाता है. जब पुलिस विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए दबिश देने गई थी तो विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ घात लगाकर पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. इस हमले में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई और सात अन्य घायल हो गए थे.
बिकरू कांड से जुड़े 80 मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें से कई में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. इस मामले में 2023 तक चार मुकदमों में फैसला आया, जिसमें 23 आरोपियों को गैंगस्टर एक्ट में सजा मिली है.
पुलिस पर लगा मुखबिरी का आरोप
कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में हुए इस कांड में लापरवाही के लिए 37 पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई हुई, जिसमें दो पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया. इस मामले में तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और एक अन्य दारोगा पर विकास दुबे को मुखबिरी करने का आरोप था.
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