Prayagraj News: नोट कांड के आरोप में जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर किए जाने की सिफारिश के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के फैसले के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने आज बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है. सोमवार देर शाम को बार एसोसिएशन ने कार्यकारिणी की इमरजेंसी बैठक की. जिसमें चर्चा के बाद वकीलों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया.
बार एसोसिएशन के वकीलों ने कैश कांड के आरोपों में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा को लेकर आर पार की लड़ाई का ऐलान किया है. हाईकोर्ट के वकील आज सुबह 10 बजे से गेट नंबर 3 पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान अधिवक्ता पूरी तरह से न्यायिक कामकाज का बहिष्कार करेंगे. हाईकोर्ट बार के पदाधिकारियों का कहना है कि जस्टिस वर्मा को वह यहां कतई कार्यभार नहीं ग्रहण करने देंगे.
जस्टिस यशवंत वर्मा का विरोध तेजहाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट अनिल तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में वकीलों ने आज से बेमियादी हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया. इस दौरान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सीजेआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की भी अपील की है. वकीलों ने ऐलान किया है कि पूर्ण रूप से हड़ताल पर रहने के अलावा सड़कों पर भी आंदोलन शुरू किया जाएगा. बुधवार 26 मार्च से हाईकोर्ट का फोटो आइडेंटिफिकेशन सेंटर भी अनिश्चित काल के लिए बंद हो जाएगा.
बार एसोसिएशन ने नोट कांड में घिरे जज यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई करने की मांग की है. एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि सरकार तत्काल इसकी सिफारिश करनी चाहिए. हम इलाहाबाद, लखनऊ पीठ या किसी दूसरे हाईकोर्ट में उनका ट्रांसफर किए जाने के फैसले के खिलाफ हैं. उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए सीबीआई और ईडी को केस दर्ज करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
बता दें कि इससे पहले भी अनिल तिवारी की जस्टिस यशवंत वर्मा को लेकर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई थी, जब उनके ट्रांसफ़र की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट कोई डंपिंग ग्राउंड नहीं है.
इनपुट- मोहम्मद मोईन
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