Prayagraj News: स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है और वही शिक्षा के मंदिर के बगल में शराब की दुकान हो तो वहां पढ़ने वाले बच्चों पर इसका गलत प्रभाव तो पड़ेगा ही. ऐसा ही एक मामला कानपुर में देखने को मिला जहां स्कूल के बगल स्थित शराब के ठेके के बाहर आए दिन होने वाले शराबियों के हुड़दंग से परेशान एलकेजी में पढ़ने वाले पांच साल के एक बच्चे ने परिजनों की मदद से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मदद की गुहार लगाई है. हाईकोर्ट ने पांच साल के इस बच्चे की जनहित याचिका को सुनवाई के लिए न सिर्फ मंजूर कर लिया है, बल्कि यूपी सरकार से जवाब तलब भी कर लिया है.


यह मामला कानपुर नगर में चिड़ियाघर के पास स्थित आजाद नगर मोहल्ले से जुड़ा हुआ है. पांच साल का अथर्व दीक्षित आजाद नगर इलाके में स्थित सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल में एलकेजी का छात्र है. स्कूल से महज 20 मीटर की दूरी पर शराब का ठेका है. नियम के मुताबिक सरकारी ठेका दिन में दस बजे के बाद ही खुलना चाहिए. लेकिन अक्सर यहां सुबह छह सात बजे से ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है. लोग शराब के नशे में यहां हुड़दंग करते हैं. स्कूल के पास रिहायशी बस्ती भी है, जहां सैकड़ों की संख्या में लोग रहते हैं.
 
पहले भी की गई थी शिकायत
पांच साल का अथर्व शराबियों के इस हुड़दंग से न सिर्फ परेशान होता था. बल्कि उसे रास्ते में डर भी लगता था. अथर्व के कहने पर उसके परिवार वालों ने कानपुर के अफसरों से लेकर यूपी सरकार तक कई बार शिकायत की. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. दलील दी गई कि यह स्कूल 2019 में खुला है, जबकि शराब का ठेका तकरीबन 30 साल पुराना है. इस पर अथर्व के परिजनों ने  इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की. 


'अगली सुनवाई 13 मार्च को'
 हाईकोर्ट में अथर्व दीक्षित की जनहित याचिका पर जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की तरफ से दलील दी गई कि शराब का ठेका पुराना है, जबकि स्कूल कुछ सालों पहले ही खुला है. इस पर अदालत ने सरकार से यह बताने को कहा कि स्कूल खुलने के बाद साल दर साल शराब के ठेके का नवीनीकरण आखिरकार कैसे हो रहा है. अथर्व के अधिवक्ता आशुतोष शर्मा के मुताबिक इस मामले में 13 मार्च को फिर से सुनवाई होगी.


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