UP News: अलीगढ़ में आयकर विभाग द्वारा एक और गरीब मजदूर को करोड़ों रुपये का नोटिस भेजने का मामला सामने आया है. इस बार ट्रांसपोर्ट पर मजदूरी करने वाले मोहित को 3.87 करोड़ रुपये का आयकर नोटिस दिया गया है. यह मामला तब सामने आया जब मोहित को आयकर विभाग द्वारा नोटिस प्राप्त हुआ और वह दंग रह गया.
दअरसल अलीगढ़ में गरीब और मजदूरों को लगातार आयकर विभाग के द्वारा नोटिस भेजे जा रहे हैं. इसके बाद करोड़ों रुपए के नोटिस भेजने के बाद आयकर विभाग जहां एसी में बैठकर आनंद ले रहा है तो वहीं मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालन पोषण करने वाले मजदूर सिर्फ यह पता लगाने में जुटे हैं आखिर उनके पैन कार्ड का और उनके कागजों का कहां पर गलत उपयोग हुआ है.
आयकर विभाग से जब इस बारे में बातचीत करने की कोशिश की गई तो आयकर विभाग के अधिकारी नैनी सिंह के द्वारा जानकारी को ही सिरे से खारिज कर दिया. नैनी सिंह का दावा है कि अलीगढ़ में सिर्फ एक ब्रांच है ना कि कोई आयकर विभाग का कार्यालय यहां किसी अधिकारी को बोलने की अनुमति नहीं है जो भी कुछ जानकारी किसी को आयकर विभाग से करनी है वह आगरा जाकर करें.
आयकर विभाग के अधिकारी नैनी सिंह के द्वारा बताया गया कि जिस तरह से आयकर विभाग के द्वारा नोटिस भेजे जा रहे हैं वह उनके पोर्टल पर जनरेट होते हैं और वह उन्हें आगे भेज देते हैं. लेकिन क्या सावधानी बरतनी चाहिए और यह नोटिस आखिर किस वजह से लोगों पर जा रहे हैं. व्यापारी वर्ग को छोड़कर यह नोटिस गरीब और मजदूरों पर क्यों जा रहे हैं. जब इस बारे में बातचीत करने की कोशिश की तो आयकर विभाग के अधिकारी के द्वारा आयकर विभाग में आला अधिकारियों को ही ठेंगा दिखा दिया.
नोटिस मिलने वाले तमाम मजदूर गरीब लोग परेशान
नैनी सिंह का दावा है यहां तो अधिकारी नहीं बैठते अधिकारी तो आगरा बैठते हैं फिलहाल नोटिस मिलने वाले तमाम मजदूर गरीब लोग परेशान हैं. आज एक बार फिर गरीब मजदूर को आयकर विभाग का नोटिस मिल गया है जहाँ पहले पहले जूस विक्रेता, फैक्ट्री कर्मचारी और बैंक कर्मी को ऐसे नोटिस भेजे जा चुके हैं और अब ट्रांसपोर्ट के मजदूर मोहित को भी यह समस्या झेलनी पड़ रही है.
महज 8500 रुपये है महीने की सैलरी
आज जिस युवक मोहित को नोटिस मिला है वह अलीगढ़ के गभाना क्षेत्र के सांगौर गाँव का निवासी है और हर दिन ट्रांसपोर्ट में मजदूरी कर अपना जीवनयापन करता है. उसकी मासिक आमदनी मात्र 8500 रुपये है, जिससे वह अपने परिवार का खर्च बड़ी मुश्किल से चला पाता है. ऐसे में जब उसे 3.87 करोड़ रुपये का आयकर नोटिस मिला तो उसके होश उड़ गए. यह घटना उसके परिवार और पड़ोसियों के लिए भी एक बहुत बड़ा झटका था.
आधार और पैन कार्ड के दुरुपयोग का मामला
जांच करने पर पता चला कि मोहित के नाम से दिल्ली में 'एमके ट्रेडर्स' नामक एक कंपनी खोली गई है. इस कंपनी का संचालन मोहित के दस्तावेजों, यानी उसके पैन कार्ड और आधार कार्ड के जरिए किया जा रहा था. मोहित को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. यह मामला अलीगढ़ में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की पहचान चुराने और उनके दस्तावेजों के दुरुपयोग का चौथा मामला बन गया है. इससे पहले भी कई गरीब लोगों के पैन और आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर फर्जी कंपनियाँ चलाई गईं, जिनके कारण उन्हें भारी भरकम टैक्स नोटिस मिले.
आयकर विभाग ने लगाई 100 फीसदी पेनल्टी
मोहित के नाम पर फाइल किए गए टैक्स रिटर्न में अनियमितताओं के चलते आयकर विभाग ने उस पर 100 फीसदी पेनल्टी लगा दी. मोहित को भेजे गए नोटिस में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि यदि वह इस राशि का भुगतान नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. नोटिस मिलने के बाद मोहित और उसका परिवार सदमे में है. इस घटना से उसके गाँव और आसपास के लोग भी हैरान हैं. अब सवाल उठता है कि गरीब मजदूरों के दस्तावेजों का इस तरह से गलत इस्तेमाल कैसे हो रहा है और इसमें कौन लोग शामिल हैं?
दिन-रात मेहनत कर घर चलाता है बेटा
मोहित के परिजनों ने रोते हुए बताया कि उनका बेटा दिन-रात मेहनत कर घर चलाता है. उसे इस तरह के किसी भी व्यापार के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि इस मामले की गहराई से जाँच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. मोहित का कहना है कि वह सिर्फ मजदूरी करता है और उसे व्यापार का कोई ज्ञान नहीं है. उसके पास इतनी बड़ी राशि चुकाने की क्षमता नहीं है. इस घटना ने उसकी मानसिक शांति को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है.