Aligarh News: अलीगढ़ में आरएसएस प्रमुख का दौरा संघ सेवक कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अब बच्चों के लिए भी काफी खास नजर आ रहा है, जिसकी चर्चा अलीगढ़ में शुरू भी हो चुकी है. आरएसएस प्रमुख के द्वारा जब भी अलीगढ़ आगमन किया जाता है तो अपनी छाप छोड़ने का काम भी उनके द्वारा बखूबी किया जाता है. अबकी बार भी आरएसएस प्रमुख के द्वारा छोटे बच्चों के दिल में अपनी जगह बनाने की चर्चा तेज आग की तरह अलीगढ़ के साथ-साथ अन्य जिलों तक फैल गई.
सभी के द्वारा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की नन्हें छात्र को लेकर जमकर प्रशंसा की जा रही है. मोहन भागवत ने एक ऐसे स्कूली छात्र के घर का दौरा किया, जिसने आरएसएस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की थी. छात्र के लगाव को देखकर मोहन भागवत छात्र के घर पहुंचकर परिवार वालों से भी मिलें. मोहन भागवत ने छात्र की जमकर प्रशंसा भी की. छात्र के परिजनों का कहना है कि, उन्हें भरोसा नहीं था कि आरएसएस के चीफ उनके घर पर ठहराव करेंगे और उनके बच्चे से बात करेंगे.
संघ कार्यक्रम में पिता के साथ पहुंचा था छात्रदरअसल पूरा मामला अलीगढ़ के पुराने शहर का है, जहां संघ से जुड़े हुए दिवाकर देव रहते हैं. दिवाकर देव रोजाना आरएसएस की लगाई गई शाखा में शामिल होते हैं. मोहन भागवत के संघ कार्यक्रम में विभोर अपने पिता दिवाकर के साथ शाखा में पहुंचा था. इस दौरान मोहन भागवत आरएसएस चीफ की इस बच्चे पर नजर पड़ गई. इसके बाद उन्होंने विभोर के घर जाकर आरएसएस से जुड़े छोटे कार्यकर्ता का हालचाल जाना.
मोहन भागवत से मिलने पर विभोर के पिता दिवाकर देव शर्मा ने बताया कि, "वे स्वयं भी संघ की शाखा से वर्षों से जुड़े हुए हैं और राष्ट्र सेवा में योगदान दे रहे हैं. उन्होंने कहा, "हमारे लिए यह गर्व का विषय है कि मोहन भागवत जी हमारे घर पधारे. हमारा उनसे संबंध आश्रम काल से रहा है, और आज घर पर यह मुलाकात अत्यंत सुखद रही."
छात्र के परिवार से मिले मोहन भागवतविभोर की माता गरिमा शर्मा ने भी इस अवसर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "भागवत जी का स्वभाव बहुत सरल और प्रेरणादायक है. उन्होंने हमारे बेटे राजू और विभागीय कार्यों के बारे में विस्तार से बातचीत की. परिवार के सभी सदस्यों को उनसे मिलकर आत्मीयता का अनुभव हुआ."
इसी कड़ी में विभोर की दादी कुसुम शर्मा ने भी भावुक होकर कहा, "हमारे लिए यह बहुत बड़ी खुशी और सौभाग्य की बात है कि इतने बड़े पद पर होते हुए भी वे इतनी सादगी और अपनत्व के साथ हमसे मिलने आए." इस मुलाकात ने ना सिर्फ परिवार को गौरवान्वित किया, बल्कि संघ के मूल सिद्धांत परिवार, परंपरा और सेवा को भी सजीव रूप में प्रस्तुत किया.
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