Aligarh Crime News: लड्डू 12 साल से भेस बदलकर आइसक्रीम बेच रहा था. पुलिस को चकमा देने के साथ-साथ अपने आप को सबसे ज्यादा शातिर होने की महारथ भी पेश कर रहा था. लेकिन कहते हैं कानून के हाथ लंबे होते हैं यही कारण है पंजाब राज्य से लड्डू जैसे ही अलीगढ़ पहुंचा तो तलाश में जुटी हुई. आगरा एसटीएफ की टीम और अलीगढ़ जिले की पुलिस टीम के द्वारा मुखबिर की सूचना के बाद लड्डू को तत्काल गिरफ्तार कर लिया.


जिस लड्डू के बारे में हम आपको बता रहे हैं, उस लड्डू ने पुलिस को तीखी मिर्ची से भी ज्यादा परेशान होने पर मजबूर कर रखा था. 12 साल से लड्डू  की पुलिस को तलाश थी. कई थानों में मुकदमे दर्ज होने के बावजूद सबसे ज्यादा तलाश आगरा जिला और अलीगढ़ जिले की पुलिस को लड्डू की तलाश थी. लड्डू का असली नाम लड्डन है. जिस पर पुलिस के द्वारा 50 हजार का इनाम घोषित किया जा चुका था. हिस्ट्रीशीटर के रूप में लड्डन उर्फ लड्डू की पहचान की जाती है. लड्डू के खिलाफ डेढ़ दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज है. 


 लड्डू पर इनाम था 50 हजार का 
अलीगढ़ में 12 वर्ष पहले पुलिस अभिरक्षा से भागने के बाद लड्डन उर्फ लड्डू पर 50 हजार का इनाम रखा गया था. इसके खिलाफ सिविल लाइंस में फरारी संबंधी मुकदमा भी दर्ज है,आगरा एसटीएफ को मिली सूचना के बाद जब उसकी रेकी की गई तो रात में उसे अलीगढ़ के किला रोड से गिरफ्तार किया गया है,गिरफ्तारी के दौरान कई टीमों के द्वार लड्डू को घेराबंदी करते हुए गिरफ्तार किया गया है,पुलिस ने पूछताछ के बाद 18 अप्रैल को आरपी को जेल भेज दिया गया.


आरोपी पर कई मुकदमे है दर्ज
आरोपी मूल रूप से दादों के नगला उदिया का रहने वाला है. लड्डू उर्फ लड्डन शुरू से ही क्राइम का मास्टर रह चुका है. उस पर अलीगढ़ के दादों व कासगंज में 16 मुकदमे दर्ज हैं. आखिरी मुकदमा 2012 का सिविल लाइंस में पुलिस अभिरक्षा से हमला करने के बाद फरारी संबंधी धाराओं में पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था ,इंस्पेक्टर सिविल लाइंस राजीव कुमार के अनुसार जमालपुर चौकी प्रभारी की टीम व आगरा एसटीएफ टीम की सफलता के बाद आरोपी को बृहस्पतिवार को  जेल भेज दिया गया. 


नाम बदलकर पंजाब में बेच रहा था आइसक्रीम 
लड्डू कितना बड़ा मास्टर माइंड है. इस बात का अंदाजा उसकी पूछताछ के बाद पुलिस को हुआ. वह पिछले एक दशक से नाम बदलकर पंजाब में रह रहा था. वहां आइसक्रीम बेचता था. बेटी से मिलने अलीगढ़ आया था. तभी पुलिस द्वारा उसको दबोचा गया. ऐसा नहीं कि वह पहली बार आया था. इससे पहले भी वह अलीगढ़ आ चुका था. मगर, एसटीएफ ने इनाम होने के बाद उसकी बेटी पर होमवर्क कर लिया था. जैसे ही उसके आने की खबर मिली और टीम सक्रिय हो गई. एसटीएफ-पुलिस को पूछताछ में उसने खुद बताया कि सहावर की हत्या युक्त लूट के मुकदमे में वह पांच वर्ष जेल रहा था. 


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