Aligarh News: अलीगढ़ से 36 किलोमीटर दूर कस्बा बेसवां में स्थित धरणीधर सरोवर अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता नजर आ रहा है. मान्यता है कि बेसवां में बने धरणीधर सरोवर पर महर्षि विश्वामित्र के द्वारा पृथ्वी की शांति के लिए यज्ञ किया गया था. यहां पर मौजूद साधु-संतों और स्थानीय लोगों की मानें तो श्री राम व लक्ष्मण के द्वारा त्रेता युग में राक्षसों का इसी जगह पर वध किया था. तब कहीं जाकर महर्षि विश्वामित्र के यज्ञ को पूरा किया गया था. त्रेता युग में धरणीधर सरोवर पर सभी देवताओं का निवास रहा है.


इस भूमि पर आज भी तेतुआ नामक पौधे आज भी मौजूद है, जिनमें श्री कृष्ण भगवान समा जाया करते थे. इन पौधों के बारे में बताया जाता है, यह पौधे सिर्फ वहां है जहां श्री कृष्ण ने अपनी लीलाएं दिखाई है ये पौधे उस जगह के अलावा कहीं नहीं उगते. इसके साथ ही धरणीधर सरोवर पर सभी देवी देवताओं के मंदिर मौजूद है, यहां प्रत्येक वर्ष भव्य मेला लगता है. वेद पुराणों के जानकार दूसरे देशों से भी इस पवित्र भूमि पर आकर खुद को प्रभु की भक्ति में लीन रहते है. हालांकि अब यह सरोवर जगह-जगह टूटे फूटे खंडहर में तब्दील होता हुआ नजर आ रहा है.


सरोवर की हालात खराब
नगर पंचायत बेसवां के द्वारा सरोवर के विकास को लेकर अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गए हैं. धरणीधर सरोवर पर्यटन स्थल घोषित होने के बावजूद भी अब तक इसकी दुर्दशा में कोई तब्दीली नहीं हो पाई है. जिसको लेकर बताया जाता है, कि धरणीधर सरोवर में अन्य राज्यों से भी लोग यहां 84 कोस की परिक्रमा सहित अन्य परिक्रमाओं में हिस्सा लेते हुए पूजा अर्चना करने के साथ-साथ धरणीधर सरोवर में डुबकी लगाने आते हैं. देखना होगा धरणीधर सरोवर को लेकर स्थानीय प्रशासन कोई पहल करेगा या फिर नहीं यह तो आने वाला वक्त बताएगा. फिलहाल धरणीधर सरोवर अपनी ही दुर्दशा के लिए आंसू बहाता नजर आ रहा है.


नगर पंचायत बेसवां के अधिकारी प्रवीण कुमार से जब बातचीत की गई तो उनके द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि 2 करोड़ लागत की डीपीआर सौंदर्यीकरण के लिए भेजी गई है. जो कि लगभग पास भी हो चुकी है. लेकिन अब तक नगर पंचायत बेसवां के खाते में बजट नहीं आया है जिसके चलते अभी काम शुरू नहीं कराया गया. जैसे ही नगर पंचायत के खाते में पैसा आएगा, सौन्दरिकरण कार्य को शुरू करा दिया जाएगा.


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