उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में ऑनलाइन गेम की लत में एक परिवार बर्बाद होते-होते बच गया. गनीमत यह रही कि समय रहते पुलिस को सूचना मिल गयी. यहां के बन्नादेवी इलाके रहने वाले कृष्णा ने खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची और अपने दोस्त के साथ मिलकर पिता से 8 लाख की फिरौती मांगी. पुलिस ने महज आधे घंटे में पूरे मामले का खुलासा करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन परिजनों के निवेदन पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किए बिना उन्हें छोड़ दिया.
आरोपी छात्र AMU में बीकॉम सेकेण्ड ईयर का स्टूडेंट है और ऑनलाइन गेम में लाखों रुपए हार चुका था. इसलिए उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर अपहरण की झूठी कहानी रच डाली.
क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के मुताबिक बन्नादेवी थाना इलाके के कृष्णा नगर बरौला जाफराबाद बाईपास पर रहने वाले सत्यवीर सिंह अपने परिवार के साथ रहते हैं. हाल ही में सिंचाई विभाग से रिटायर्ड हुए हैं. सत्यवीर का करीब 20 वर्षीय बेटा कृष्णा ऊर्फ डब्बू एएमयू से बी-कॉम द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा है. जिसका दोस्त नवीन गगन पब्लिक स्कूल में पढ़ता है. दोनों दोस्त आपस मे ऑनलइन गेम खेलते हैं, जिसमें पैसे भी दांव पर लगाते हैं. दोनों लाखों रुपये हार कर गेम के जाल में फंस गए, जिसके चलते दोनों दोस्त काफी समय से परेशान रहने लगे थे.
कृष्णा के पिता सत्यवीर सिंचाई विभाग से रिटायर्ड हुए तो उनके रिटायरमेंट पर काफ़ी रुपया उनको मिला. जिसकी जानकारी कृष्णा को हुई तो कृष्णा ने अपने दोस्त नवीन के साथ मिलकर अपनी ही किडनैपिंग की कहानी रच डाली. अपने ही नंबर से दोस्त के जरिये पिता को फिरौती के लिए कॉल कर 8 लाख रूपये की डिमांड कर दी. फिरौती की डिमांड में वार्गनिंग हुई तो रकम कुछ कम भी हो गई. इसकी शिकायत परिवार ने पुलिस से की और पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी.
30 मिनट में खुलासा
सीओ सेकेण्ड कमलेश कुमार ने बताया, “युवक की बरामदगी हेतु 04 टीमों का गठन किया गया. जिनके द्वारा अपहर्त कृष्णा उर्फ डब्बू उम्र 20 वर्ष को सूचना मिलने के लगभग आधा घंटा बाद ही खैर रोड स्थित गगन पब्लिक स्कूल की ओर जाने वाले कच्चे रास्ते से बरामद किया गया. अपहर्त से पूछताछ करने पर जानकारी हुई कि अपहर्त कृष्णा उर्फ डब्बू व उसके मित्र नवीन पुत्र श्याम सिंह निवासी शिव धाम कालोनी नादा बाईपास थाना रोरावर अलीगढ़ द्वारा अपने परिजनों से पैसे प्राप्त करने के उद्देश्य से अपहरण की झूठी साजिश रची थी.”
कृष्णा उर्फ डब्बू एवं नवीन पुत्र श्याम सिंह उपरोक्त दोनों छात्र हैं, जिनके भविष्य को देखते हुये दोनों को उनके परिजनों को सकुशल सुपुर्द किया गया.
सीओ कमलेश की हो रही तारीफ़
जब छात्र के किडनैपिंग होने की सूचना सीओ कमलेश कुमार को हुई तो उनके द्वारा चार टीमों के गठन के दौरान ही चारों टीमों से हर बात की बार-बार सूचना प्राप्त की जा रही थी. खुद ही पूरे मामले को मॉनिटर किया जा रहा था. आधा घंटे के अंदर जब खुलासा हुआ तो, सभी ने राहत की सांस ली.