Prayagraj News: प्रयागराज के संगम तट पर स्थित अक्षयवट की भव्यता आने वाले दिनों में और निखरेगी. वहां श्रद्धालुओं के लिए दर्शन-पूजन और सुगम हो जाएगा. इसके लिए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) की तर्ज पर अक्षयवट कारिडोर बनाया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanth) ने इसमें रुचि दिखाई है. उत्तर प्रदेश शासन ने इसी वजह से इस परियोजना को मंजूरी दे दी है. 

किसने तैयार किया है डीपीआर

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के उच्चाधिकारियों को अक्षयवट परिसर के निर्माण में कार्यदायी संस्था को सहयोग देने के निर्देश भी दे चुके हैं.अक्षयवट परिसर का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भी बन चुका है.प्रयागराज मेला प्राधिकरण, प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने एक कंसल्टेंसी कंपनी और मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के सहयोग से डीपीआर तैयार कराया है.पीडीए,पर्यटन विभाग और मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज पूरा काम कराएगा.

डीपीआर के मुताबिक अक्षयवट परिसर वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की ही तरह होगा.किले में घुसने के लिए स्नान घाट की ओर बेहतरीन प्रवेश द्वार और निकास द्वार बनेगा.अक्षयवट का बेहतरीन चूबतरा बनेगा.यह चबूतरा राजस्थान के उच्च गुणवत्ता वाले पत्थरों और गुजरात की विशेष टाइल्स से बनाया जाएगा. इसे बनाने के लिए राजस्थान,महाराष्ट्र और गुजरात के कारीगर बुलाए जाएंगे.अक्षयवट परिसर का सुंदरीकरण कराया जाएगा.

क्या क्या सुविधाएं होंगी अक्षयवट कॉरिडोर में

आकर्षक लाइटिंग के साथ ही रास्ते पर एलईडी स्क्रीन,लाइट एंड साउंड सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी.आने-जाने के लिए विशेष संगमरमर से अक्षयवट परिपथ बनेगा. इसी परिसर में बड़े हनुमान मंदिर और सरस्वती कूप को भी शामिल किया जाएगा. महाकुंभ 2025 के पहले अक्षयवट परिसर बनकर तैयार हो जाएगा.प्रधानमंत्री ही इसका लोकार्पण करेंगे.

कुंभ 2019 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 450 साल से किले में कैद अक्षयवट के दर्शन की घोषणा की थी.तब से अब तक देश-दुनिया के एक करोड़ 39 लाख लोग अक्षयवट का दर्शन-पूजन कर चुके हैं. 

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