उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसा बयान दिया जिसके बाद दिल्ली से लखनऊ की सियासत में हलचल मच गई. सीएम के बयान के लगभग 10 मिनट बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी. 

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दरअसल, सीएम ने कोडीन कफ सिरप मामले में कहा- देश मे दो नमूने हैं. एक दिल्ली में दूसरे लखनऊ में बैठते हैं. देश मे जब कोई चर्चा होती है तो वह देश छोड़कर भाग जाते हैं. मुझे लगता है,यही आपके बबुआ के साथ भी हो रहा होगा. वह भी देश से इंग्लैंड के सैर सपाटे पर चले जाएंगे.  आप लोग यहां चिल्लाते रहेंगे.

कोडीन कफ सिरप मामले में यूपी से बड़ी खबर, सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपी रिपोर्ट, इसमें क्या?

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इसके जवाब में कन्नौज सांसद ने लिखा कि आत्म-स्वीकृति!किसी को उम्मीद नहीं थी कि दिल्ली-लखनऊ की लड़ाई यहाँ तक पहुँच जाएगी. संवैधानिक पदों पर बैठे लोग आपस में कुछ तो लोक-लाज रखें और मर्यादा की सीमा न लाँघें. भाजपाई अपनी पार्टी के अंदर की खींचातानी को चौराहे पर न लाएं. कहीं कोई बुरा मान गया तो वापस जाना पड़ेगा.

क्या बोले सपा और कांग्रेस?

उधर, इस मामले पर यूपी कांग्रेस की नेता और रामपुर खास से विधायक आराधना मिश्रा 'मोना' ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने सजातीय लोगों को संरक्षण दे रहे हैं. मुख्यमंत्री को सीबीआई से जांच करानी चाहिए. अगर सही न्याय करना है तो उनको तस्वीर बहुत लोगों की बहुत के साथ है  तस्वीरों से कोई आरोपी हो जाए तो बाकी जो तस्वीर आ रहे हैं वह भी आरोपी हैं. मुख्यमंत्री ने बुलडोज़र चलाने की बात कहि है,  मुख्यमंत्री जो कहते हैं वह करते हैं. हमें बुलडोजर एक्शन का इंतजार रहेगा

वहीं सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि हमारे फ्रंटल संगठन के आदमी की तस्वीर मिल गई तो उसको सपा से जोड़ रहे हैं. विभव राणा की तस्वीर जिसके ऊपर 200 करोड़ का एक्शन कर रही है उसकी तस्वीर डिप्टी सीएम के साथ है.  उस पर कब एक्शन होगा. मुख्यमंत्री कार्रवाई करें हम बुलडोजर एक्शन की मांग कर रहे हैं