चुनाव आयोग ने गुरुवार (11 दिसंबर) को यूपी समेत छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में एसआईआर (SIR) की समयसीमा बढ़ा दी है. इसे लेकर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ये हमारी जायज मांग की जीत है. बीएलओ और पीडीए प्रहरियों के काम की जमकर तारीफ की.

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अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''SIR की अंतिम तिथि का दो हफ़्ते बढ़ना हमारी जायज मांग की जीत है और बीएलओ और पीडीए प्रहरियों की भी. इन दो हफ़्तों में सभी पीडीए प्रहरी दुगनी गति से लग जाएं और एक भी वैध वोट कटने न दें.''

जो निगाह रखे गहरी, वही है पीडीए प्रहरी-अखिलेश यादव

सपा प्रमुख ने आगे लिखा, ''आज पीडीए प्रहरी जो ऐतिहासिक काम कर रहे हैं, वो देश और लोकतंत्र के प्रति उनका सच्चा समर्पण है. आज देश पीडीए प्रहरियों को सम्मान से ‘लोकतंत्र सेनानी’ कहकर संबोधित कर रहा है क्योंकि वो भविष्य की लोकतांत्रिक स्वतंत्रता को बचाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं. जो निगाह रखे गहरी, वही है पीडीए प्रहरी.''

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यूपी में कब तक बढ़ी SIR की प्रक्रिया?

चुनाव आयोग की ओर से वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की समय सीमा बढाने का ये कदम संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के आग्रह पर उठाया गया है. उत्तर प्रदेश के लिए SIR की अवधि 26 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है और मतदाता सूची का मसौदा 31 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा.

किन-किन राज्यों में बढ़ाई गई SIR की समय सीमा?

निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के अलावा तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में एसआईआर के लिए संशोधित कार्यक्रम जारी किया है. इन 6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के लिए गणना प्रपत्र की अवधि गुरुवार (11 दिसंबर) को समाप्त होनी थी और वोटर लिस्ट का मसौदा 16 दिसंबर को प्रकाशित किया जाना था लेकिन अब समय सीमा बढ़ने से इस प्रक्रिया में छूट गए लोगों को राहत मिली है.