UP News: सुप्रीम कोर्ट ने घरों को ‘अमानवीय और अवैध’ रूप से गिराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (Prayagraj Development Authority- PDA ) को फटकार लगाई है.
कोर्ट की सख्ती पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा- सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश स्वागत योग्य है कि प्रयागराज में 2021 में हुए एक बुलडोज़र एक्शन पर सभी 5 याचिकाकर्ताओं को प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा 6 सप्ताह में 10-10 लाख मुआवज़ा दिया. इस मामले में कोर्ट ने नोटिस मिलने के 24 घंटे के भीतर मकान गिरा देने की कार्रवाई को अवैध घोषित किया है.
सपा चीफ ने लिखा- सच तो ये है कि घर केवल पैसे से नहीं बनता है और न ही उसके टूटने का ज़ख़्म सिर्फ़ पैसों से भरा जा सकता है. परिवारवालों के लिए तो घर एक भावना का नाम है और उसके टूटने पर जो भावनाएं हत होती हैं उनका न तो कोई मुआवज़ा दे सकता है न ही कोई पूरी तरह पूर्ति कर सकता है. परिवारवाला कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
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बता दें प्रयागराज में बुलडोजर से घरों को गिराने पर उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘‘यह हमारी अंतरात्मा को झकझोरता है. आश्रय का अधिकार और कानून की उचित प्रक्रिया नाम की भी कोई चीज होती है.
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि घरों को गिराने की कार्रवाई ‘‘अनुचित’’ तरीके से की गई. पीठ ने कहा कि ‘‘देश में कानून का शासन है’’ और नागरिकों के आवासीय ढांचों को इस तरह से नहीं गिराया जा सकता. पीठ ने कहा, ‘‘इसने हमारी अंतरात्मा को झकझोरा है.
याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा था कि राज्य सरकार ने यह सोचकर गलत तरीके से मकानों को ध्वस्त किया कि यह जमीन गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद की है, जो 2023 में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था. शीर्ष अदालत अधिवक्ता जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद और अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिनके मकान ध्वस्त कर दिए गए थे.