लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि 'भाजपा का जब पहला अधिवेशन हुआ था तब भाजपा ने तय किया था कि धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी रास्ता अपनाएंगे. संघ परिवार का रास्ता धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी नहीं है. ये मुंह से स्वदेशी हैं लेकिन मन से विदेशी हैं.'
अखिलेश ने कहा कि आज जब हम 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, वही यह भी हम याद रखें कि हमारे सामने दुनिया की चुनौतियां हैं उनको भी स्वीकार करना होगा. जितना हमारा किसान मजबूत होगा उतना ही हमारा देश आर्थिक रूप से मजबूत होगा.
उन्होंने कहा कि मैं आज के दिन यह अपील करना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी के लोग 15 अगस्त को झूठ ना बोले. हमारी सीमाएं और फौज मजबूत हो, अग्निवीर जैसी व्यवस्था खत्म हो.
सुप्रीम कोर्ट ने कम से कम लोकतंत्र को बचाने का काम किया- अखिलेश
यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि मुझे खुशी है इस बात की कि सुप्रीम कोर्ट ने कम से कम लोकतंत्र को बचाने का काम किया, जो SIR हो रहा था. भारतीय जनता पार्टी के पास हुनर है कि वोट कैसे काटना है, इस फैसले के बाद पॉलीटिकल पार्टी बूथ स्तर पर अपना वोट बचा पाएंगी.
उन्होंने कहा कि कुछ संगठन अंग्रेजों ने बनाए थे जिससे भारत को धर्म के आधार पर विभाजित किया जा सके, हिंदू मुसलमान की खाई पैदा की जा सके. इसलिए संघी साथियों को भी अपनी पहली विचारधारा जो थी समाजवादी और सेकुलर को ध्यान करना चाहिए और देश को आगे बढ़ाना चाहिए.
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सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पूरी भारतीय जनता पार्टी को गच्चा दिया है, यह न भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे और न कभी उनकी विचारधारा कभी इन्होंने पसंद की. केवल कुर्सी पर बैठने के लिए उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली है.
समाजवादी लोग और दुनिया में कई सारे लोग वॉर के खिलाफ हैं, लेकिन हमारी फौज मजबूत होनी चाहिए. अग्निवीर व्यवस्था जब हम खत्म करेंगे तब जाकर हम मुकाबला कर पाएंगे.