लोकसभा में मनरेगा की जगह विकसित भारत– रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन अधिनियम पेश कर दिया गया है. जिस पर विपक्ष की ओर से जमकर हंगामा किया. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने पर नाराजगी जताई और कहा कि ये सरकार बस नाम ही बदलना जानती है. 

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सपा सांसद अखिलेश यादव ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि 'जी राम जी', बस नाम बदला गया है. योजना में किसान को ऐसा कोई खास लाभ नहीं मिलने जा रहा है. ना बड़ा रोजगार मिलने जा रहा है. ये पहली बार हो रही है कि यूपी में जो तरीका था नाम बदलने का अब वो दिल्ली में भी आ गया है. 

सरकार को बस नाम बदलना आता है

अखिलेश यादव ने कहा कि सच्चाई ये हैं इस सरकार के पास किसानों और मजदूरों को दिखाने के लिए कुछ नया नहीं है. मनरेगा में भ्रष्टाचार के आरोप पर सपा नेता ने कहा कि सरकार को ग्यारह साल बाद पता चला कि इसमें भ्रष्टाचार हो रहा है. तब से क्यों नहीं पता चला. 

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सबसे बड़ी बात ये हैं कि इसमें 200-250 दिन रोजगार क्यों नहीं? इससे किसान को लाभ कैसे पहुंचे, इसके लिए आपने क्या फैसला लिया? आखिर अगर आप किसान को लाभ नहीं पहुंचा रहे तो आप अपनी अर्थव्यवस्था को नुकसान कर रहे हैं. इस योजना से किसान को लाभ कैसे पहुंचेगा, ये विचार भी सरकार को करना चाहिए. 

समाजवाद को बताया असली राम राज

'जी राम जी' विधेयक को राम राज बताने पर अखिलेश यादव ने कहा कि असली राम राज्य वहीं है जो समाजवाद है, जब ग़ैर बराबरी खत्म हो जाए, भेदभाव खत्म हो जाए. सबसे ज्यादा भेदभाव तो भारतीय जनता पार्टी करती है. सबसे ज्यादा जाति को लेकर भाजपा भेदभाव करती है. जिस तरीके से अमीर-गरीब के बीच में फासला पैदा किया है वो भी बीजेपी ने किया है तो ये कौन से राम राज की बात कर रहे हैं?  

इनपुट- अंकित गुप्ता