UP Election 2022: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ के अंतर्गत आने वाले गोपालपुर विधानसभा सीट से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का चुनाव लड़ सकते हैं. यह सीट समाजवादी पार्टी के लिए मजबूत सीट रही है. 1996, 2007, 2012 से 2017 तक समाजवादी पार्टी इस सीट से चुनाव जीतती आई है. 2007 से 12 तक यह सीट बसपा के पास थी.

अब चर्चा तेज हो गई है कि अखिलेश यादव आजमगढ़ की गोपालपुर विधानसभा सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. लेकिन इस बात की अभी तक समाजवादी पार्टी की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता का कहना है कि हम अखिलेश यादव का यहां स्वागत करते हैं अगर अखिलेश यादव यहां से चुनाव लड़ते हैं तो भारी मतों से विजयी होंगे.

गोपालपुर सीट का समीकरणकुल मतदाताओं की संख्या 349205पुरुष मतदाता- 186393महिला मतदाता- 162804थर्ड जेंडर- 08

जातिवार मतदाताओं की संख्या (लगभग)यादव- 68000अनुसूचित जातियां- 53000मुस्लिम- 42000राजभर- 28000ब्राह्मण- 18000छत्रिय- 18000

अभी नहीं हुई है आधिकारिक पुष्टिअभीतक मिली जानकारी के अनुसार समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आजमगढ़ के किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है. वह सपा के गढ़ इटावा या मैनपुरी से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. दरअसल, एक बड़ा मैसेज देने के लिए अखिलेश यादव पूर्वांचल से ही किस्मत आजमाना चाहते हैं. अखिलेश यादव के पास दो तीन सीटों का विकल्प है लेकिन अभी उन्होंने सीट तय नहीं की है. अखिलेश ने चुनाव लड़ने का मन बनाया है. आजमगढ़, मैनपुरी और इटावा समेत कई जिलों से समाजवादी पार्टी के लोग उनसे चुनाव लड़ने की अपील कर चुके हैं.

बीजेपी ने कसा अखिलेश पर तंजअखिलेश के विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले पर यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि वह मन से चुनाव तो नहीं लड़ने जा रहें बल्कि वह भरे मन से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. क्योंकि बीजेपी ने सीएम योगी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव लड़ाने की बात की तो इसे लेकर उनके पार्टी के सदस्य ने जरूर सवाल किया होगा कि आप क्यों नहीं चुनाव लड़ेंगे? उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि वो चुनाव लड़ना पसंद करते हैं.

वहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव लड़ने से डर रहे हैं, उन्होंने सुरक्षित ठिकाना तलाशने के लिए इतना समय लगा दिया. विकास की ज़मीन पर लड़ने से डरते हैं अखिलेश जी पहले बताओ 2012 से 2017 में सबसे ज़्यादा विकास कहां किया है. वह बीजेपी के विकास का मुक़ाबला नहीं कर सकते हैं.

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