UP Politics: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि हाल में संपन्न हुए महाकुंभ के आयोजन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की योजना थी और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने इसे राजनीतिक आयोजन बना दिया.
यादव ने कहा, 'भाजपा इसे राजनीतिक कुंभ बनाना चाहती थी. यह धार्मिक कुंभ नहीं था. यह कुंभ श्रद्धालुओं के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए था.' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'सुनने में तो यहां तक आया था कि कुंभ के आयोजन में यह तैयारी थी कि उनका (योगी) नाम प्रधानमंत्री के रूप में घोषित हो जाए.'
उन्होंने यहां महाकुंभ 2025 के आयोजन में गंभीर कुप्रबंधन का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया, 'क्या आपने कभी कुंभ के दौरान टीवी चैनलों को साक्षात्कार देते देखा है? यहां इस तरह की व्यवस्था की गई थी. इस पूरे कुप्रबंधन ने आयोजन पर एक बड़ा धब्बा लगा दिया है.'
यादव ने कहा, 'भविष्य में, आप और भी अच्छे से समझेंगे. कई बातें शायद मुझ तक न पहुंचें, लेकिन आप यहाँ रहते हैं- आप सच्चाई जानते हैं.' अखिलेश यादव ने कहा कि 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में विपक्षी इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन जारी रहेगा.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि वह वक्फ (संशोधन) कानून के जरिए माफिया की तरह जमीन हड़पने की कोशिश कर रही है.
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उन्होंने कहा, 'भाजपा वक्फ संशोधन कानून लेकर आई है ताकि वह जमीन छीन सके. जहां भी उन्हें जमीन दिखती है, वे उस पर कब्जा कर लेते हैं.' उन्होंने भाजपा को 'भू-माफिया पार्टी' करार दिया. यादव ने सत्तारूढ़ पार्टी पर नोटबंदी और जीएसटी (माल एवं सेवा कर) के जरिए लोगों का पैसा छीनने और आरक्षण के अधिकार को कम करने का आरोप लगाया.
सपा प्रमुख ने दावा किया कि सरकार ने घटना के दौरान हताहतों की संख्या और वित्तीय लाभ के बारे में गलत आंकड़े दिए, और आरोप लगाया कि जनवरी में भगदड़ के दौरान ड्रोन और सीसीटीवी निगरानी विफल रही.
प्रयागराज आए थे अखिलेशउन्होंने कहा, 'भाजपा सच्चे आंकड़े छिपाने और झूठे आंकड़े दिखाने में माहिर है. भाजपा की पूरी सरकार प्रोपेगेंडा पर चल रही है. इस डिजिटल कुंभ में सरकार ने कोई भी डेटा कुछ ही सेकेंडों में उपलब्ध कराने की बात कही थी. ड्रोन से पूरी निगरानी के दावे किए गए थे.'
यादव ने कहा, 'जिस समय (भगदड़ के समय) ड्रोन और सीसीटीवी की सबसे अधिक जरूरत थी, उस समय ये या तो बंद थे या बंद करा दिए गए थे. इन्होंने संगम नोज पर भगदड़ में मारे गए लोगों की सही संख्या नहीं बताई और मौत के कारण बदलने के लिए परिजनों पर दबाव बनाया.'