Mayawati Akhilesh Yogi: उत्तर प्रदेश में नाम बदलने की राजनीति योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी जारी है. बीजेपी विधायक विनोद सिंह के द्वारा सुल्तानपुर जिले का नाम बदलकर 'कुशभवनपुर' करने की मांग के साथ ही इसका आगाज हो गया है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में इलाहाबाद , मुगलसराय, फैजाबाद का नाम बदल दिया था. लेकिन यह कोई नया नहीं है जब यूपी में जिलों का नाम बदला जा रहा है. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती ने भी कई जिलों के नाम बदले थे.


बहुजन समाज पार्टी की सरकार में मायावती ने अपनी पार्टी के आदर्श पुरुषों के नाम पर यूपी के जिलों के नाम रखे थे. बीजेपी की सराकर में योगी आदित्यनाथ जिलों के पौराणिक नामों को तवज्जो दे रहे हैं. लेकिन अखिलेश यादव ने जिलों के वर्तमान नामों को जस का तस रहने दिया था, यानी जिलों के नाम से छेड़छाड़ नहीं की थी.


मायावती ने 9 जिलों के नाम बदले थे
मायावती ने अपनी सरकार (2007-2012) में शामली जिले का प्रबुद्ध नगर, संभल जिले का भीम नगर, हापुड़ जिले का पंचशील नगर, हाथरस जिले का महामाया नगर, अमरोहा जिले का ज्योतिबा फूले नगर, कासगंज जिले का काशीराम नगर, अमेठी जिले का छत्रपति शाहूजी महाराज नगर, कानपुर देहात का रमाबाई नगर और भदोही जिले का संत रविदास नगर रखा था. 


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अखिलेश यादव 9 जिलों को उनके पुराने नाम वापस किए
सन 2012 में अखिलेश यादव जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने मायावती सरकार के द्वारा बदले गए सभी 9 जिलों के बदले नामों को पलट दिया. सभी जिलों को उनका पहले का नाम वापस किया. उन्होंने प्रबुद्ध नगर की जगह शामली, भीम नगर की जगह संभल, पंचशील नगर की जगह हापुड़, महामाया नगर की जगह हाथरस, ज्योतिबा फुले नगर की जगह अमरोहा, कांशीराम नगर की जगह कासगंज, छत्रपति शाहूजी महाराज नगर की जगह अमेठी, रमाबाई नगर की जगह कानपुर देहात और संत रविदास नगर का भदोही कर दिया था. यानी कि आज हम उत्तर प्रदेश के जिन जिलों को उसके नाम से जानते हैं अखिलेश यादव ने उसी नाम को जस का तस बने रहने दिया, उससे छेड़छाड़ नहीं की.


योगी किन जिलों के नामों को बदल रहे हैं
योगी सरकार ने 2017 में सरकार के गठन के बाद सबसे पहले मुगलसराय स्टेशन का नाम बदला दिया था. सरकार ने मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन कर दिया. साथ ही मुगलसराय तहसील का नाम भी बदल कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय तहसील कर दिया गया था. इसके बाद योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर किया. फरवरी 2020 में प्रयागराज के चार रेलवे स्टेशनों के नाम भी बदल दिए गए थे. फैजाबाद जिले का बदल कर अयोध्या कर दिया था.


इन शहरों के नाम बदलने की भी मांग
अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ हो सकता है. सबसे पहले 2015 में जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव विश्र्व हिंदू परिषद ने उठाई थी. आगरा का नाम बदलकर अग्रवन हो सकता है. आगरा का नाम बदलदने की कवायद शुरु हो चिकी है. फिरोजाबाद का नाम बदलकर चंद्रनगर हो सकता है, जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव सरकार के पास जा चुका है. फर्रुखाबाद का बदलकर पांचाल नगर हो सकता है. यहां से सांसद मुकेश राजपूत ने फर्रुखाबाद का नाम बदलने की मांग उठाई है. गाजीपुर का नाम बदलकर गढ़ीपुरी करने की मांग पूर्व मंत्री स्वाति सिंह उठा चुकी हैं. इसके अलावा आजमगढ़, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर का भी नाम बदलने की मांग योगी सरकार में की जा चुकी है. 


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