नोएडा-गाजियाबाद में एक बार फिर से प्रदूषण के स्तर में तेजी आई हैं. एक दिन पहले ही इसमें थोडी़ कमी आई थी. यहां के कई इलाकों में एक्यूआई 300 के नीचे आ गया था जिससे लोगों ने राहत की सांस ली थी लेकिन, सोमवार दोपहर के बाद एक बार प्रदूषण बढ़ गया है और हवा एक बार फिर से गंभीर से बेहद खराब की श्रेणी में पहुंच गई हैं.
कल के मुकाबले आज 2 दिसंबर को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में हवा में प्रदूषण का स्तर में बढ़ोतरी हुई है. ये बड़े शहर लगातार देश के टॉप-10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में बने हुए हैं. गाजियाबाद के के लोनी इलाके में सबसे अधिक जहरीली हवा बनी हुई हैं. मंगलवार सुबह 6 बजे यहां का एक्यूआई 415 दर्ज किया गया है. जो गंभीर श्रेणी की हवा है.
गाजियाबाद रहा यूपी का सबसे प्रदूषित शहर
गाजियाबाद के ही इंदिरापुरम में एक्यूआई 343, संजय नगर इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 दर्ज किया है. नोएडा के सेक्टर-125 में हवा की गुणवत्ता 378 दर्ज की गई जबकि नोएडा सेक्टर-116 में एक्यूआई 391, सेक्टर-1 में एक्यूआई 360 रिकॉर्ड किया गया. ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में सबसे अधिक एक्यूआई 398 रहा.
हवा में प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ा
नोएडा-गाजियाबाद में नवंबर के आखिरी हफ्ते में जहरीली हवा में थोड़ा सुधार हुआ था. कई जगहों पर तो हवा का एक्यूआई 300 से भी नीचे आ गया था. हवा की स्पीड बढ़ने से भी प्रदूषण के स्तर में कमी देखने को मिली लेकिन, अब इसमें एक बार फिर से बढ़ोतरी हुई है.
यूपी के दूसरे शहरों में पिछले दो-तीन दिन के मुकाबले में प्रदूषण बढ़ा है. आज हापुड़ में एक्यूआई 344, मेरठ के पल्लवपुरम में 317, मुजफ्फरनगर में 301 और बुलंदशहर में 285 वायु गुणवत्ता सूचकांक रहा. ये हवा भी बेहद ख़राब श्रेणी की हवा मानी जाती है. जो स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है.
सर्दियों के मौसम में हर साल दिल्ली एनसीआर से सटे यूपी के जिलों हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. ठंड की वजह से वातावरण में मौजूद धूल और धुएं के कण ऊपर नहीं जा पाते हैं और हवा में घुल जाते हैं, इसी वजह से हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में सर्दी में और इजाफा होने की भविष्यवाणी की है ऐसे में फ़िलहाल लोगों को इससे राहत मिलते नहीं दिख रही है.
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