UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने प्रदेश भर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों (Madrassa) का सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले पर एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने केंद्र और यूपी सरकार पर निशाना साधा है. इस मुद्दे पर ओवैसी ने ट्वीट कर सरकार को निशाने पर लिया.


ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा, "मोदी सरकार के मदरसों के आधुनिकरण की योजना के तहत सिर्फ यूपी में और 50,000 शिक्षकों की कुल ₹750 करोड़ तनख्वाह बकाया है. संसद भवन में मैने ही सवाल उठाया था और पूर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने इस सवाल पर मुझे आश्वासन दिया था कि फंड जल्द तक्सीम कर दिए जायेंगे."



उन्होंने आगे लिखा, "टीचरों की ऐसे म'अशी हालात का क्या जिम्मेदार मैं हूं? बकाया फंड देने के लिए सरकार को कौन-से सर्वे की जरूरत है? आधुनिकरण के बहाने मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है. बीजेपी शासित राज्यों में मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है. जब मैंने इसकी मुखालिफत की तो मुझ पर झूठा इलजाम लगा दिया गया कि मैं मदरसों के आधुनिकरण के खिलाफ हूं."


क्या है यूपी सरकार का फैसला
योगी सरकार ने सर्वेक्षण कराने के फैसले पर तर्क दिया है कि इससे मदरसों की शिक्षा व्यवस्था बेहतर होगी और मदरसों को यूपी मदरसा बोर्ड से मान्यता दिलाने का प्रयास किया जाएगा. सर्वे में ये पता लगाया जाएगा कि मदरसों को कहां से पैसा मिल रहा है और संचालक इसे किस तरह संचालित करते हैं. बच्चों को तालीम किस तरह की दी जा रही है, हर जनपद में कितने मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं. इसके लिए सभी जनपदों को डीएम को निर्देश दिया गया है. 


ओवैसी ने कहा कि हम तो यही चाहते हैं कि हमारे बच्चे काबिल बने और मुल्क की तरक्की में हिस्सा लें. सरकार चाहती है कि मुसलमानों के तालीमी इदारे बंद कर दिए जाएं. मदरसों में दीनी तालीम के साथ-साथ साइंस मैथ्स वगैरह भी पढ़ाया जाता है. मदरसों ने मुल्क की आजादी में एक गैर मामूली रोल अदा किया था. मदरसों में इंसानियत सिखाई जाती है और शाखाओं में नफरत. दोनों के बीच यही सबसे बड़ा फर्क है.