Meerut News: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के आदेश समाजवादी पार्टी के कुछ नेता शायद मानने को तैयार नहीं हैं. अहमदाबाद विमान हादसे के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने तीन दिन का शोक घोषित किया, लेकिन बावजूद इसके मेरठ में सपा जिला कार्यालय पर केक काट दिया गया और जश्न मनाया गया है.
इस मामले को लेकर सपा के नेताओं ने ही कार्रवाई की मांग करनी शुरू कर दी है. मामले की गूंज लखनऊ तक भी पहुंच गई है. अभी कुछ दिन पहले सपा जिलाध्यक्ष ने पार्टी के विधायकों और नेताओं पर टिप्पणी कर डाली थी और उसकी वीडियो भी खूब वायरल हुइ थी.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि मेरठ सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी ने अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर जश्न मनाया. पहले केक काटा और फिर सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं का मुंह मीठा कराया गया. चूंकि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अहमदाबाद विमान हादसे के बाद 13, 14 और 15 जून तक तीन दिवसीय शोक घोषित किया है. ऐसे में तमाम बड़े कार्यक्रम रोक दिए गए है, लेकिन मेरठ में सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी ने केक काटकर जश्न मना डाला.
जिलाध्यक्ष के निष्कासन की हुई मांगअखिलेश यादव के अहमदाबाद विमान हादसे के चलते शोक घोषित करने के बावजूद सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी के केक काटने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो सपा के नेताओं ने ही सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. सपा छात्र सभा के राष्ट्रीय महासचिव बाबर चौहान खरदौनी ने सपा जिलाध्यक्ष के निष्कासन की मांग कर डाली.
उनका कहना है कि ये अनुशासनहीनता है. अहमदाबाद विमान हादसे से लोगों का दिल दहला हुआ है, लेकिन बावजूद इसके सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी ने अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर केक काटकर जश्न मना दिया. ये बड़ी अनुशासनहीनता है और कार्रवाई होनी चाहिए.
सपा जिलाध्यक्ष ने क्या कहा?सपा जिला कार्यालय पर केक काटने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले पर जब सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि विरोधी नेता जयचंद की भूमिका निभा रहें हैं और गलत सूचनाएं दे रहें हैं. महिला कार्यकर्ता केक लेकर आई थी और उन्होंने ही केक काटा और फिर बांटा. साथ हम भी खड़े हैं, लेकिन केक नहीं काटा.
उन्होंने कहा हमने तो अहमदाबाद विमान हादसे पर भी दो मिनट का मौन रखा था. ये सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं था, इसलिए बंद कमरे में मीटिंग की गई थी. लखनऊ पार्टी मुख्यालय से कैंट प्रभारी बनाकर भेजे गए जुगल किशोर वाल्मीकि भी इस बैठक में शामिल हुए थे. लखनऊ को इस मासिक मीटिंग की सूचना भी दी गई थी.