UP News Today: मौसम में लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है और गर्मी के साथ ही पानी की जरूरत सबसे अधिक पड़ती है. इंसान हो जानवर हो या फिर पक्षी पानी सभी के लिए बेहद जरूरी है. इंसान अपनी जरूरत के हिसाब से व्यवस्था कर लेता है पर बेजुबान पशु पक्षी दूसरों पर ही निर्भर होते हैं. बेजुबान पक्षियों के लिए दाना और पानी की व्यवस्था करने के लिए एक व्यक्ति रोजाना पक्षियों के लिए दाना और पानी लेकर तय स्थान पर पहुंचता है और रोजाना पक्षियों के लिए खाने का समान रखता है. पिछले करीब 20 साल से लगातार आगरा के हरिओम ओझा सेवा कर रहे हैं.

 

आगरा के काजीपाड़ा निवासी हरिओम ओझा एक जूता व्यवसायी हैं और पिछले करीब 20 वर्षों से लगातार पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करते आ रहे हैं. सुबह सवेरे बाइक पर पक्षियों के लिए पानी और दाना लेकर निकलते हैं और समुचित स्थान पर पक्षियों के लिए दाना और पानी रख देते हैं , जहां पक्षी आते हैं और दाना चुगते हैं । कहते हैं जिसका कोई नहीं होता उसका ऊपर वाला होता है और ऊपर वाले ने सबके लिए दाना पानी की व्यवस्था की है , किसी न किसी को माध्यम बनाकर ऊपर वाला सबके लिए दाना और पानी की व्यवस्था करता है ऐसा कहना है हरिओम ओझा का जो लगातार 20 वर्षों से पक्षियों के लिए दाना और पानी की व्यवस्था कर रहे हैं.

 

हरिओम लगन से करते हैं पक्षियों की सेवा 

 

अब मौसम में लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है और आने वाले दिनों में गर्मी का असर और अधिक देखने को मिलेगा. गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए कहा जाता है कि अपनी छत पर या जहां जगह मिले पक्षी आते हैं वहां पानी और दाना जरूर रखे. ऐसे ही भावना लेकर आगरा के हरिओम ओझा रोजाना बाइक पर पक्षियों के लिए दाना और पानी लेकर निकलते हैं और समुचित स्थल पर पक्षियों के लिए दाना पानी रख देते हैं. 

 

''शायद भगवान ने मुझे इसलिए चना है''

 

जहां पक्षी आकर दाना चुगते हैं और पानी पीकर अपने गले की प्यास बुझाते हैं. आगरा के हरिओम ओझा एक जूता व्यवसायी हैं और निरंतर पक्षियों की सेवा को अपना कर्म मानकर कर रहे हैं. हरिओम ओझा का कहना है कि भगवान ने मुझे मौका दिया है कि मैं पक्षियों के लिए दाना पानी लेकर जाऊं, तो मैं रोजाना उनके लिए दाना पानी लेकर निकलता हूं. बेजुबान पक्षियों को गर्मी में पानी की बहुत आवश्यकता होती है, इसलिए रोजाना पानी लेकर और दाना लेकर पक्षियों के स्थल तक पहुंच कर दाना डालता हूं. पक्षियों की सेवा कर के मुझे अच्छा लगता है और लगता है कि शायद भगवान ने मुझे इसलिए चुना है.