Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की प्रकिया जारी है. आए दिन नेताओं के बयानबाजी सुनने को मिल रही है. वहीं पूर्वांचल में वाराणसी के बाद जो सबसे चर्चित सीट है वह गाजीपुर लोकसभा सीट है. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से इस सीट पर सबकी निंगाहे टिकी हुई है. क्योंकि इस सीट से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी है. वहीं इन दिनो अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत अंसारी भी चर्चाओं में है. क्योंकि वो भी अपने पिता के लिए प्रचार करती नजर आ रही है. नुसरत ने चुनाव प्रचार के दौरान एक शिव मंदिर और पवहारी बाबा आश्रम भी गयी थी. जहां स्वामी विवेकानंद तीन महीन रूके थे.


नुसरत अफजाल अंसारी की बड़ी बेटी है. नुसरत ने रूरल डेवेलपमेंट में पीजी की पढ़ाई की है. नुसरत तीन बहनों में सबसे बड़ी है. उनसे छोटी दो बहनें नूरिया और मारिया भी है. नुसरत ने स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविधालय से किया है. जबिक टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज,सोलापुर, महाराष्ट्र से नुसरत ने रुरल डेवलपमेंट में पीजी की पढ़ाई की है. नुसरत मेधावी छात्रा रही है और पीजी के बाद नुसरत प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रहीं थीं. गाजीपुर की राजनीतिक स्थितियां बदलीं और नुसरत को चुनाव प्रचार में उतरना पड़ा और ऐसा माना जा रहा की नुसरत के पिता अफजाल अंसारी उनको अपनी राजनीतिक विरासत सौंप सकते है. 

 

2 मई को हाइकोर्ट में होगी सुनवाई

दरअसल अफजाल अंसारी को 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगेस्टर के एक मामले में 4 साल की सजा सुनायी थी और उसके बाद अफजाल को जेल जाना पड़ा था.बाद में अफजाल अंसारी को हाइकोर्ट से जमानत मिल गयी थी और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी संसद सदस्यता बहाल करते हुए हाइकोर्ट को 30 जून तक मामले का निस्तारण करने का आदेश दिया था और इस मामले में 2 मई को हाइकोर्ट में सुनवाई होनी है.गाजीपुर में 7 मई से नामांकन शुरू होने वाला है और इसी से इस बात का कयास लगाया जा रहा है कि यदि अफजाल को हाइकोर्ट से राहत नहीं मिलती है या सुनवाई टलती है तो वो खुद चुनाव न लड़कर अपनी बेटी को चुनाव में उतार सकते है.