Action Against Yogesh Verma: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) के करीबी पर मेरठ (Meerut) प्रशासन ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. पूर्व विधायक और सपा नेता योगेश वर्मा (Yogesh Verma) के खिलाफ गुंडा एक्ट का नोटिस जारी हुआ है. रात सवा 11 बजे नोटिस रिसीव करने के बाद आज योगेश वर्मा को जवाब दाखिल करना होगा. जिलाधिकारी की सिफारिश के बाद सपा नेता को जिला बदर होना भी पड़ सकता है. योगेश वर्मा पर विभिन्न धाराओं में आधा दर्जन से ज्यादा मुकद्दमे कायम हैं. उन्होंने गुंडा एक्ट की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.  


अखिलेश यादव के एक और करीबी पर शिकंजा


सपा नेता पर शिकंजा कसने की खबर से राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई. उन्होंने कहा कि 2018 के बाद कोई केस दर्ज नहीं किया गया. सपा नेता ने आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर घेराबंदी करने का आरोप लगाया. एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने योगेश वर्मा के खिलाफ गुंडा एक्ट की फाइल जिलाधिकारी दीपक मीणा को भेज दी है. योगेश वर्मा का सवाल है कि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ने के बावजूद गुंडा एक्ट की तैयारी क्यों हो रही है? गुंडा एक्ट की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी की सिफारिश का इंतजार है.


मेरठ में योगेश वर्मा पर गुंडा एक्ट लगाने की तैयारी


हरी झंडी मिलने के बाद सपा नेता को जिला बदर की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा मेरठ की मेयर रहीं हैं. बसपा के टिकट पर 2017 का नगर निकाय चुनाव लड़कर सुनीता वर्मा मेरठ की महापौर बनीं थीं. 2019 के लोकसभा चुनाव में योगेश वर्मा बुलंदशहर से बसपा प्रत्याशी बनाए गए थे. पति और पत्नी दोनों को मायावती ने 9 नवंबर 2019 को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले योगेश वर्मा सपा में शामिल हो गए. पार्टी में योगेश वर्मा के शामिल होने को अखिलेश यादव ने ऐतिहासिक बताया था. योगेश वर्मा मतगणना से पहले पोलिंग बूथ पर दूरबीन से निगरानी करते नजर आए थे. 


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