उत्तर प्रदेश की मऊ सदर विधानसभा सीट से विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता बहाल कर दी गई है. विधानसभा सचिवालय ने आज सोमवार (8 सितंबर) को यह आदेश जारी किया. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 20 अगस्त 2025 को निचली अदालत के फैसले को निरस्त करते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी थी, अब उनकी विधायकी बहाल हुई.

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विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी किए गए इस आदेश के बाद मऊ सदर विधानसभा सीट पर प्रस्तावित उपचुनाव टल गया है. बता दें कि अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी.

विधानसभा सचिवालय के आदेश में क्या लिखा है

अब्बास अंसारी की विधानसभा बहाल करने का जो आदेश विधानसभा सचिवालय की तरफ से जारी हुआ है उसमें लिखा है कि अब्बास अंसारी, सदस्य विधान सभा, निर्वाचन क्षेत्र संख्या-356, मऊ, अपराध को फौजदारी मुकदमा संख्या-9720/2022 एवं मुकदमा संख्या-97/2022, थाना कोतवाली, जनपद मऊ के प्रकरण में न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/न्यायालय विशेष न्यायाधीश (एम०पी०/एम०एल०ए०), मऊ द्वारा दोष सिद्ध पाते हुए दिनांक 31 मई, 2025 को उनके विरुद्ध दो वर्ष से अधिक का दण्डादेश पारित किया गया था. जिसके फलस्वरूप अब्बास अंसारी को दिनांक 31 मई, 2025 से निरर्ह मानते हुए उत्तर प्रदेश विधान सभा में उनका स्थान दिनांक 31 मई, 2025 से अधिसूचना संख्या-67/वि०स० /प0का0/76 (प)/2005, दिनांक 01 जून, 2025 द्वारा रिक्त घोषित किया गया था. 

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आदेश में बताया गया है कि अब्बास अंसारी द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई पुनरीक्षण याचिका संख्या-3698/2025 में हाईकोर्ट द्वारा अब्बास अंसारी के विरुद्ध पारित दोष सिद्ध के आदेश को निलम्बित किया गया है. कोर्ट द्वारा दिनांक 20 अगस्त, 2025 को, तद्नुसार पारित आदेश के आलोक में अब्बास अंसारी की "भारत का संविधान" के अनुच्छेद-191 (ड.) सपठित धारा-8, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अंतर्गत मानी गई निरर्हता, न्यायालय द्वारा पारित किए जाने वाले आदेशों के अधीन निष्प्रभावी मानी जाएगी.

क्या था मामला

बता दें कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्बास अंसारी ने कथित तौर पर ऐसा बयान दिया था, जिसे भड़काऊ और अधिकारियों को धमकी देने वाला माना गया. इस दौरान अब्बास अंसारी ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद ‘सबका हिसाब लिया जाएगा. उनके इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने अब्बास अंसारी के प्रचार पर रोक लगाई थी. 

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