सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी यानी सुभासपा विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने उन्हें प्रवर्तन निदेशालय से जुड़े एक मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया है. ईडी के मामले में अब्बास की जमानत याचिका ऐसे वक्त में खारिज हुई है जब वह अपने अब्बा के चालिसवें में जाने के लिए अनुमति मांग रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चालीसवें में वर्चुअली शामिल होने की अनुमति भी दे दी है.


मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत याचिक खारिज हो गई है. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मनी लांड्रिंग एक्ट के मामले में विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया ये मामला पैसे के लेनदेन से जुड़ा दिख रहा है. कोर्ट ने कहा कि मनी लांड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत अभी इस बात की संतुष्टि नहीं है कि अभियुक्त अब्बास इस मामले में निर्दोष है, इसलिए अभी जमानत याचिका खारिज की जाती है.


क्या है मामला
आरोप है कि मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन नाम की फर्म मनी लॉन्ड्रिंग में सीधे तौर पर शामिल है. इस फर्म ने जमीनों पर कब्जा कर गोदाम का निर्माण कराया और गोदाम को एफसीआई को किराए पर देकर 15 करोड रुपए से अधिक की कमाई की. इस फॉर्म ने नाबार्ड से सवा दो करोड रुपए की सब्सिडी भी प्राप्त की है. आरोप है कि विकास कंस्ट्रक्शन का बड़ा स्तर का शेयर अब्बास अंसारी की मां अफसा अंसारी के पास है और विकास कंस्ट्रक्शन सीधे तौर पर मेसर्स आगाज से संबंधित है. जो अब्बास अंसारी के नाना की कंपनी है.


इस मामले में अब्बास अंसारी की तरफ से उनके वकील ने दलील दी कि जिन दोनों फॉर्म की बात मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के लिए की जा रही है इससे अभियुक्त अब्बास अंसारी का कोई सीधे संबंध नहीं है. जिस पर ईडी की ओर से जमानत का विरोध करते हुए दलील दी गई कि इन दोनों ही फर्म के खातों से अब्बास अंसारी के खातों में सीधे पैसे आते थे और पैसे वह अपने व्यक्तिगत खर्चों के तौर पर इस्तेमाल करते थे.