UP News: हेट स्पीच मामले में दोषी ठहराए गए मऊ सदर से पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को बड़ा झटका लगा है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (गैंगस्टर/एमपी-एमएलए कोर्ट) राजीव कुमार वत्स ने सजा के खिलाफ दायर की गई उनकी अपील आज शनिवार (5 जुलाई) की शाम खारिज कर दी है. मतलब उनकी दो साल की सजा अब भी प्रभावी रहेगी. वहीं मऊ सेशन कोर्ट राजीव कुमार वत्स की अदालत ने अब्बास अंसारी की सजा के मामले में उनकी जमानत को मंजूर कर लिया है लेकिन दोष सिद्ध को बरकरार रखा. अब्बास अंसारी अब आगे हाईकोर्ट में अपील करेंगे.
मऊ की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में 31 मई 2025 को अब्बास अंसारी को इस मामले में दोषी ठहराया और दो साल की सजा सुनाई. इसके साथ ही उन पर 11000 रुपये का जुर्माना लगाया गया. दो साल की सजा होने पर अब्बास अंसारी की मऊ सदर विधानसभा सीट से सदस्यता 1 जून 2025 को रद्द कर दी गई.
जानें क्या था मामला
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान 3 मार्च 2022 को मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक चुनावी जनसभा में अब्बास अंसारी ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था. उनके भाषण में सरकारी अधिकारियों को धमकी देने की बात सामने आई थी. इस दौरान अब्बास अंसारी ने कहा था कि सरकार बनने के बाद छह महीने तक कोई तबादला या तैनाती नहीं होगी और अधिकारियों का हिसाब-किताब किया जाएगा.
मऊ कोतवाली में दर्ज हुआ था मुकदमा
वहीं अब्बास अंसारी के इस बयान को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया और मऊ कोतवाली में सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद की शिकायत पर अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. इस मामले में कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दो साल की सजा सुनाई थी, हालांकि उनके भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया था.