देहरादून, एबीपी गंगा। कोटा में फंसे उत्तराखंड के 411 छात्र-छात्राओं को एसडीआरएफ के रेस्क्यू दल ने सकुशल राज्य पहुंचा दिया है। 39 एसडीआरएफ जवानों का दल 19 अप्रैल को उत्तराखंड से राजस्थान के कोटा के लिए रवाना हुआ था। जहां छात्र-छात्राओं का परीक्षण कर उन्हें सोशल डिस्टेंस के अनुरूप बसों में बैठाया गया। कोटा से लाये गये सभी छात्रों के साथ रेस्क्यू दल को भी क्वारंटीइन कर दिया गया है।
 19 अप्रैल को कोटा के बच्चों के लेने रवाना हुई थी SDRF की टीम
दरअसल, कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के कारण उत्तराखंड के छात्र कोटा में फंसे हुए थे, जहां पर उनको काफी दिक्कतें भी हो रही थी। ऐसे में उत्तराखंड से इन छात्रों को लेने के लिए 19 अप्रैल को एसडीआरएफ की टीम आगरा के लिए रवाना हुई। यात्रा के लिए परिवहन की दो बसों को बुक बराया गया था। प्रशासनिक कारणों से कोटा से आने वाले छात्रों का स्टेजिंग एरिया आगरा की जगह मथुरा में बनाया गया। जहां  19 अप्रैल को दिन में एसडीआरएफ का दल पहुंचा। रात को छात्रों का कोटा से मथुरा पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ। छात्रों का सबसे पहले चिकित्सीय परीक्षण किया गया, जिसके बाद गढ़वाल और कुमाऊं के छात्रों को अलग-अलग बसों में बिठाने से पहले मास्क दिये गये और सेनेटाइज़ भी किया गया। सभी छात्रों को सोशल डिस्टेंस में बिठाकर बसों को उत्तराखंड के लिए रवाना किया गया।
 262 छात्र कुमाऊं और 149 छात्र गढ़वाल मंडल के
20 अप्रैल को पहली बस सुबह 5 बजे मथुरा से हल्द्धानी और अंतिम बस 2 बजे ऋषिकेश पहुंची। कुल 411 छात्र-छात्राओं को राज्य में लाया गया। जिसमें 262 छात्र कुमाऊं और 149 छात्र गढ़वाल मंडल में लाये गये।कोटा से उत्तराखंड आये सभी छात्र-छात्राओं को क्वारन्टीन किया गया है। साथ ही, अभियान में सम्मलित हुए सभी SDRF कर्मियों को भी हल्द्वानी और ग्राफिक एरा देहरादून में क्वारन्टीन किया गया है।
 411 बच्चों का सकुशल उत्तराखंड आगमन
सेनानायक SDRF तृप्ति भट्ट ने बताया कि कोटा से आने वाले 411 बच्चों का सकुशल आगमन उत्तराखंड में हो गया है। गढ़वाल और कुमाऊं के बच्चों को उनके गंतव्य तक पहुंचा दिया गया है। सभी बच्चों को क्वारंटीन किया गया है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आगे की कार्यवाही की जायेगी।
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