केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री का दावा- कोरोना वैक्सीन के विकास में सकारात्मक संकेत मिले हैं
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि ट्रायल की सफलता को लेकर हम सभी आशान्वित हैं. ICMR की टीम पूरी प्रक्रिया पर नजर रखे हुए है.
पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने शनिवार को दावा किया कि कोरोना से लड़ने के लिए जिस वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है उसके सकारात्मक संकेत मिले हैं. मंत्री ने यह भी कहा कि पीपी मॉडल पर मल्टीपल ब्लड सहित आईजीजी एंटीबॉडी जांच की मशीन लगेगी जिसमें सिर्फ 1 घंटे में रिजल्ट मिलेगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एम्स पटना निदेशक से फोन पर बातचीत कर वैक्सीन प्रगति के मौजूदा हालात का जायजा लिया और कोविड-19 मरीजों का हालचाल जाना. वहीं केंद्रीय मंत्री सफाईकर्मी एवं नर्सिंग स्टाफ की समस्या से भी अवगत हुए.
अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि पीपी मॉडल पर विट्रोस ईसीआईक्यू (VITROS ECIQ) इम्यून डायग्नोस्टिक सिस्टम सैंपल मशीन पटना एम्स में इंस्टॉल की जाएगी. इससे आईजीजी एंटीबॉडी टेस्ट और 3100 विभिन्न प्रकार की ब्लड जांच संभव हो सकेगी और 1 घंटे में ब्लड टेस्ट का परिणाम भी मिल जाएगा, जिससे प्लाज्मा थेरेपी एवं अन्य जांच में आसानी होगी. इसे एक सप्ताह में इंस्टॉल कर दिया जाएगा. यह छोटे अस्पतालों एवं ब्लड बैंक के लिए काफी उपयोगी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री चौबे ने बताया कि कई महीनों से कोरोना वैक्सीन के विकास के लिए जारी प्रयास के सकारात्मक संकेत मिले हैं. ट्रायल की सफलता को लेकर हम सभी आशान्वित हैं. आईसीएमआर की टीम पूरी प्रक्रिया पर नजर रखे हुए हैं. यह ह्यूमन ट्रायल दो चरणों में होगा. इस दौरान सेफ्टी एवं स्क्रीनिंग पर विशेष जोर दिया गया है. उन्होंने निदेशक से वैक्सीन प्रगति पर विस्तृत बातचीत की. चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मियों की हौसला अफजाई की.
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने कहा कि बिहार सरकार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हर संभव मदद उपलब्ध कराई गई है. आगे भी सभी आवश्यक चिकित्सा उपकरण एवं उनकी जरूरतों के अनुसार अन्य सभी संसाधनों को उपलब्ध कराया जाएगा. कोविड19 की रोकथाम के लिए बिहार सरकार ने व्यापक कदम उठाए हैं. केंद्रीय टीम भी पहुंच रही है जो मौजूदा स्थिति का अवलोकन करेगी.
अश्विनी चौबे ने बिहार जाने वाली टीम के सदस्यों से भी बातचीत की. उन्होंने पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, बक्सर और बिहार के अन्य जिलों की स्थिति पर चर्चा की. बिहार में प्रतिदिन 20 से 25 हजार टेस्टिंग हों इसमें केंद्र सरकार द्वारा मदद पर चर्चा की गई.
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी बिहार से लगातार संपर्क में हैं. उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि प्रदेश के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और सभी सुविधाओं से लैस निजी अस्पतालों में भी कोविड-19 से संबंधित मरीजों की देखभाल के लिए सीट आरक्षित की जाए. इस संदर्भ में बड़ी संख्या में सामाजिक संगठनों. उद्योग व्यापार जगत के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे को अवगत कराया है.
इस तरह की व्यवस्था हो जाने से कोविड-19 मरीजों को इलाज में और आसानी होगी. दूसरे अस्पतालों का भार भी कम होगा. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने पटना, भागलपुर एवं बक्सर में कोविड-19 से पीड़ित मरीजों के परिजनों से भी बातचीत की और उनका हालचाल जाना.
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