World Radiography Day 2022: चिकित्सा जगत में रोग निदान के लिए एक्सरे का बहुत बड़ा योगदान है. एक्सरे की खोज के बाद एक्सरे जांच चिकत्सा विज्ञान में रोग निदान का एक अभिन्न हिस्सा बन गई है. चिकित्सा विज्ञान में एक्सरे जांच के उपयोग से कई प्रकार की बीमारियों, हड्डियों में फ्रैक्चर, मानव शरीर में खराबियों का पता लगाया जाता है. ‘एक्स’ किरणों का प्रयोग आज हवाई अड्डों की सुरक्षा में किया जा रहा है. 18वीं सदी के अंत तक वैज्ञानिकों को इन किरणों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इसलिए इनका नामकरण ‘एक्स रे’ किया गया. इसका मतलब होता है 'अज्ञात किरणें.'


एक्सरे की खोज 8 नवंबर 1895 को डब्ल्यू सी रोएंटजेन ने की थी. सबसे पहले 1895 में क्रूक्स ट्यूबों से निकलने वाले एक्सरे की खोज की और इसके कई महत्वपूर्ण उपयोग समझाए. एक्स किरणों को न तो देखा जा सकता है और न ही महसूस किया जा सकता है. विकिरण (रेडिएशन) की किरणें त्वचा, हड्डियों और धातु को आसानी से पार कर जाती हैं. रेडिएशन ऊर्जा है. ये तरंगों या कणों के रूप में संचारित होती है. विकिरण (रेडिएशन) में विद्युत चुंबकीय विकिरण जैसे रेडियो तरंगें, सूक्ष्म तरंगें, प्रकाश तरंगें, एक्स-रे और गामा-रे शामिल हैं. 


विकिरण (रेडिएशन) दो प्रकार के होते हैं 
1-नुकसानदायक विकिरण (रेडिएशन)
वो किरणें जो शरीर की त्वचा, हड्डियों और धातु को आसानी से पार कर जाती हैं जैसे मेडिकल एक्स रे, डेंटल एक्स रे, सीटी स्कैन, फ्लोरोस्कोपी चिकित्सकीय जांच में नुकसानदायक विकिरण ( रेडिएशन ) एक्स रे का उपयोग किया जाता है. 


2-गैर नुकसानदायक विकिरण (रेडिएशन) 
वो किरणें जो शरीर के ऊतकों की परमाणुओं के विभिन्न इलेक्ट्रॉनों को कंपित करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा होती है लेकिन इलेक्ट्रॉनों को शरीर के ऊतकों या पदार्थों से बाहर निकलने की पर्याप्त ऊर्जा नहीं होती है जैसे सोनोग्राफी और एमआरआई. चिकित्सकीय जांच में गैर नुकसानदायक रेडिएशन ध्वनि तरंगे और रेडियों तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है.


रेडिएशन से क्या है नुकसान और बचाव


रेडियोलॉजिकल सेफ्टी ऑफिसर और मेडिकल कॉलेज कोटा के अधीक्षक रेडियोग्राफर उजागर सिंह का कहना है कि किसी भी प्रकार की विकिरण (रेडिएशन) जनित उपकरण से जांच कराते समय विभिन्न सावधानियां जरूर बरतें. 


1-आप जहां भी चिकित्सकीय जांच जैसे मेडिकल एक्स रे, डेंटल एक्स रे, सीटी स्कैन, फ्लोरोस्कोपी चिकित्सकीय जांच कराने जा रहे हैं तो सबसे पहले जांच में इस्तेमाल की जा रही मशीन या उपकरण का एईआरबी लाइसेंस चेक कर लें. एईआरबी से लाइसेंस प्राप्त नहीं होने पर जांच नहीं करायें. 


2-यदि एक्स रे कक्ष में एक्स रे हो रहे हो तो उस कक्ष में प्रवेश नहीं करें.


3-एक्स रे कक्ष के अंदर न रहें और यदि किसी रोगी की सहायता के लिए आवश्यक हो तो रेडियोग्राफर या एक्स रे तकनीशियन से लेड एप्रन के लिए आग्रह करें.| 
4 - कोई भी महिला गर्भवती है या उसको लगता है की वह गर्भवती हो सकती है तो वह एक्स रे कराने से पहले चिकित्सक और रेडियोग्राफर या एक्स रे तकनीशियन को जरूर बतायें.
5-योग्यता प्राप्त रेडियोग्राफर या एक्स रे तकनीशियन से ही एक्स रे और जांच करायें.
6-कम से कम एक्स रे करायें, जरूरत होने पर ही एक्स रे करायें.
अगर सावधानी नहीं बरती जाती है तो नुकसानदायक विकिरण ( रेडिएशन ) से कैंसर होने के चांस भी बन सकते हैं.| गर्भवती महिलायें विशेष ध्यान रखें. एक्स रे कराते समय नुकसानदायक विकिरण ( रेडिएशन) से गर्भस्थ शिशु पर ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है. शिशु मंद बुद्धि या कमजोर हो सकता है. 


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