पहाड़ी क्षेत्र में बर्फबारी के बाद मौसम विभाग ने ठंड और बढ़ने की आशंका जताई है. देश सहित राजस्थान में शीतलहर (Cold wave) ने दस्तक दे दी है. शीतलहर के रात और दिन का तापमान गिर गया है. रात का तापमान करीब 14 डिग्री सेल्सियस आंका गया है. ठिठुरन बढ़ने से आम लोग तो गर्म कपड़े पहनने लगे हैं लेकिन सर्दी जंगली जानवरो को भी लगती है. इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं. जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल सफारी पार्क (Machia Biological Park) में मौजूद जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए खास तौर पर इंतजाम किए गए हैं. इस पार्क में लॉयन, टाइगर, लेपर्ड, हिरण, चिंकारा, भालू सहित कई वन्य पशु और पक्षी मौजूद हैं.  

जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए लगाए गए हीटर और फाइबर शीट

पश्चिमी राजस्थान में इन दिनों कड़ाके की ठंड की शुरुआत हो चुकी है. हाड़ कंपा देनेवाली ठंड सिर्फ इंसानों पर ही नहीं जानवरों पर भी भारी पड़ रही है. जानवरों को बचाने के लिए जतन शुरू हो चुके हैं. माचिया बायोलॉजिकल पार्क के डीएफओ विजय बोराणा, पशु चिकित्सक ज्ञान प्रकाश और महेंद्र की टीम ने बताया कि जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए खास व्यवस्था कर दी गई है. जानवरों के बैरक के बाहर हीटर लगाए गए हैं और बैरक के चारों तरफ फाइबर शीट लगाकर कवर किया जा रहा है. सर्दी में खासतौर से जानवरों के खाने का भी ध्यान ज्यादा रखा जा रहा है क्योंकि सर्दी में भूख ज्यादा लगती है.

इसको देखते हुए मांसाहारी जानवरों को 2 से 3 किलो अधिक मांस और  मल्टीविटामिन दिया जा रहा है. दूसरी तरफ शाकाहारी जानवरों को मल्टीविटामिन के साथ खाने में हरी सब्जी और चारे की मात्रा बढ़ाई गई है. डॉ ज्ञान प्रकाश ने कहा कि सर्दी, गर्मी और बारिश के दौरान होने वाले मौसम परिवर्तन को लेकर अलग-अलग व्यवस्था की जाती है. सर्दी के मौसम में मांसाहारी और शाकाहारी जानवरों के व्यवहार पर भी पूरी नजर बनाए रखे जाते हैं. जानवरों में किसी तरह का चिड़चिड़ापन दिखाई देने पर ट्रीटमेंट भी देना जारी रखते हैं. विशेषकर लॉयन, टाइगर, लेपर्ड का खास ध्यान रखा जाता है.  

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